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वीरभूम : बमबाजी व विस्फोट में 8 की मौत

पानागढ़: वीरभूम जिले के लाभपुर थाना अंतर्गत दरबारपुर गांव में शुक्रवार को दो गुटों में हुई बमबाजी और बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गयी. घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत व तनाव है. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि जिस घर में निर्माण कार्य चल रहा था, उसकी छत उड़ गयी […]

पानागढ़: वीरभूम जिले के लाभपुर थाना अंतर्गत दरबारपुर गांव में शुक्रवार को दो गुटों में हुई बमबाजी और बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गयी. घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत व तनाव है. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि जिस घर में निर्माण कार्य चल रहा था, उसकी छत उड़ गयी व दीवारें क्षतिग्रस्त हो गयीं. कई शवों के चिथड़े उड़ गये. सूचना के अनुसार, बमबाजी व संघर्ष से मौत के अलावा बम बनाते समय विस्फोट होने से चार लोगों की मौत हुई है.
क्या है घटना : स्थानीय लोगों के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर एक मकान में विस्फोट हुआ. विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि पांच अन्य घायल हो गये. वहीं, आपसी संघर्ष में चार लोगों के मारे जाने की खबर है. गांव के एक निवासी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उस घर में कुछ अज्ञात युवक रह रहे थे. ये लोग संघर्ष के दौरान बम इस्तेमाल करने के लिए बम बना रहे थे. ग्रामीणों ने कहा कि शुक्रवार की दोपहर दो बजे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था. अचानक एक परित्यक्त घर से जोरदार विस्फोट होने की आवाज आयी. विस्फोट काफी शक्तिशाली था. काफी दूर तक इसकी आवाज सुनायी दी. इसके बाद ग्रामीण घरों से निकल कर घटनास्थल पर पहुंचे. वहां उन्होंने कुछ लोगों को इधर-उधर भागते देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी.
मृतकों की नहीं हो पायी शिनाख्त, बाहरी होने की आशंका
मृतकों की पहचान नहीं हो पायी है. ग्रामीणों के अनुसार बिखरे अंगों से शिनाख्त होना मुश्किल है. लेकिन सभी बाहरी थे. पुलिस के अनुसार घर के मालिक की तलाश की जा रही है. वरीय पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया है. सीआइडी अधिकारियों के दौरे की भी संभावना है. एनआइए को भी सूचना दी गयी है, ताकि इस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच हो सके. ग्रामीणों ने इस विस्फोट को आतंकी घटना से जुड़े होने से इनकार किया है. उनका दावा है कि पड़ोस के गांवों में राजनीतिक वर्चस्व के लिए तृणमूल के दो गुटों में बमबाजी और फायरिंग चल रही है. इन बमों का उपयोग संभवत: उसी संघर्ष में किया जाना था.
वीभत्स था मंजर : मौके पर ग्रामीणों ने देखा कि घर की छत पूरी तरह से उड़ गयी थी. घर की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गयी थीं. कमरे के चारों ओर शव बिखरे हुए थे. कोई भी शव साबूत नहीं बचा था. घटनास्थल पर कई जिंदा बम भी पड़े हुए थे. बम बनाने की सामग्री बिखरी हुई थी. पुलिस अधिकारियों ने आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. हालांकि ग्रामीणों का दावा है कि मृतकों की संख्या और अधिक है. जब वे घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां कुछ लोग काफी सक्रिय थे. संभवत: कुछ शवों व घायलों को वे अपने साथ ले जाने में सफल रहे.
बालू की हैं 80 अवैध खदानें
वीरभूम जिले में बालू की लगभग 80 अवैध खदानें हैं. उनमें से 30 मयूराक्षी नदी के किनारे और 25 अजय नदी के किनारे हैं. वीरभूम से कोलकाता, दुर्गापुर, आसनसोल व अन्य स्थानों पर बालू की तस्करी होती है, जिनका इस्तेमाल रियल इस्टेट में किया जाता है.
संघर्ष के बाद स्कूल बंद, तनाव
पानागढ़. वीरभूम जिले के लाभपुर थाना क्षेत्र में दो गुटों के बीच हुई झड़प, बमबाजी व फायरिंग के कारण पूरे इलाके में आतंक और तनाव है. अशांति को देखते हुए स्थानीय स्कूल को प्रशासन के निर्देश पर बंद कर दिया गया है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गयी है. पुलिस के अनुसार राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में तृणमूल के दो गुटों के बीच संघर्ष की घटना घटी है. दोनों गुटों ने जम कर बमबाजी और फायरिंग की. घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. फिलहाल हालात नियंत्रण में है. किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जानकारी के अनुसार, लाभपुर स्थित दाड़का स्कूल के सामने दोनों गुटों के बीच जम कर बमबाजी हुई. स्कूल के सामने भी बम फेंके गये. इससे स्कूल के छात्र व शिक्षक आतंकित हो गये और स्कूल को बंद कर दिया गया. बच्चों को वापस घर भेज दिया गया.
70 करोड़ रुपये का है बालू का कारोबार
विरोधी दल के नेताओं का आरोप है कि वीरभूम में लगभग 70 करोड़ रुपये का बालू का कारोबार है. इस कारोबार पर दखल को लेकर यह संघर्ष की घटना घटी है. जिले के ज्यादातर बालू खदानों पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का ही कब्जा है. हालांकि राज्य का नियम है कि नदी के पांच किलोमीटर तक के दायरे में बालू की खुदाई नहीं की जा सकती है, लेकिन बालू माफिया इन नियमों को नहीं मानते हैं.
भाजपा का आरोप
घटना के पीछे तृणमूल की आपसी गुटबाजी
विरोधी दलों ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी को संघर्ष का कारण बताया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि यह झड़प बालू खदान पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की दखल को लेकर हुई है.
तृणमूल ने खारिज किया आरोप
हालांकि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अरुण चक्रवर्ती व वीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि तृणमूल समर्थकों के बीच संघर्ष की कोई घटना नहीं घटी है.

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