इसके साथ ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को पत्र लिख कर टैक्सी किराये में वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की.
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि 29 दिसंबर, 2016 को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से पंजीकरण, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट आदि के लिए नयी शुल्क नीति की घोषणा की गयी है. यह शुल्क पूर्व के शुल्क की तुलना में दोगुनी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस शुल्क को वापस ले या इस पर पुनर्विचार करे. अन्यथा परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जायेगी. इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दूसरी ओर, राज्यपाल को लिखे पत्र में श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान टैक्सी किराये में वृद्धि नहीं की गयी है, जबकि अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं. इससे टैक्सी चालक व मालिक परेशान हैं. इस बाबत संगठन की ओर से कानून तोड़कर गिरफ्तारी भी दी गयी थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इससे टैक्सी चालक व मालिक परेशान हैं.