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विधायकों और मंत्रियों के मेडिकल बिल पर लगेगी लगाम, अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं

कोलकाता. निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने की घोषणा के बाद अब विधानसभा में मंत्री और विधायकों द्वारा निजी अस्पतालों के बिल पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विधायकों व मंत्रियों के बेलगाम बिल पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. हाल में मुख्यमंत्री […]

कोलकाता. निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने की घोषणा के बाद अब विधानसभा में मंत्री और विधायकों द्वारा निजी अस्पतालों के बिल पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विधायकों व मंत्रियों के बेलगाम बिल पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.

हाल में मुख्यमंत्री ने भी विधायकों और मंत्रियों द्वारा निजी अस्पतालों के मेडिकल बिल की राशि पर चिंता जतायी थी. विधायक व मंत्रियों के निजी अस्पतालों के बिल पर लगाम लगाने के लिए शीघ्र ही विधानसभा अध्यक्ष विधायकों को सुविधाएं देने वाली कमेटी ‘इनटाइटिलमेंट कमेटी’ की बैठक करेंगे. इसमें मंत्रियों व विधायकों के मेडिकल खर्च की राशि तय कर दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि विधायकों के मेडिकल का खर्च विधानसभा द्वारा वहन किया जाता है.

पहले विधायक व मंत्री अपने बिल का भुगतान करते हैं, उसके बाद उसका बिल विधानसभा में जमा देते हैं. उसके परिपेक्ष्य में मेडिकल की राशि का भुगतान विधासनभा द्वारा किया जाता है. इस मद में राज्य सरकार की बड़ी राशि खर्च होती है. एक ही अस्पताल के एक ही बीमारी के लिए अलग-अलग बिल होने के बावजूद उस राशि का भुगतान करना होता है.

हाल में विधानसभा अध्यक्ष की नजर इस असमानता पर गयी है तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान भी उन्होंने आकर्षित किया था. विधानसभा की इनटाइटिलमेंट कमेटी ने निर्णय किया है कि कोई मंत्री या विधायक निजी अस्पताल में चिकित्सा कराने पर दैनिक आठ हजार रुपये से अधिक बेड चार्ज भुगतान नहीं किया जायेगा. विधानसभा अध्यक्ष का मानना है कि वह व्यक्तिगत रूप से निजी अस्पताल में चिकित्सा के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हाल में ऐसा देखा जा रहा है कि मंत्री या विधायक चिकित्सा कराने के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं. कोई-कोई विधायक प्रतिदिन बेड शुल्क 25 हजार रुपये तक का बिल दे रहे हैं.
इनटाइटिलमेंट कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि निजी अस्पतालों से यह पूछा गया कि क्यों इतने अधिक कीमत का बेड विधायकों को दिया जा रहा है. सदस्य का कहना है कि कोई भी सदस्य किसी भी निजी अस्पताल के विलासमय सूइट में भर्ती हो सकते हैं, लेकिन आठ हजार रुपये से अधिक चार्ज होने पर अतिरिक्त राशि का भुगतान विधायक को ही करना होगा. बेड चार्ज करने के साथ-साथ विधायक व मंत्रियों को सरकारी हेल्थ स्कीम के अधीन लाने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही प्रत्येक रोग के चिकित्सा खर्च की सीमा भी तय की जा रही है. चिकित्सा खर्च के बाबत राशि से अधिक राशि का भुगतान सरकार द्वारा नहीं की जायेगी. अगले माह इस कमेटी की बैठक बुलायी गयी है. उस बैठक में सभी प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लगा कर मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.

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