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संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर देना होगा हर्जाना

विस में पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक-2017 पारित विधेयक के जरिये सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सजा के साथ सामूहिक हर्जाने का प्रावधान किया गया है कांग्रेस व वाम मोरचा ने इस संशोधन विधेयक का किया विरोध विपक्षी दलों के हंगामे व विधानसभा से बहिर्गमन के बाद सं‍शोधन विधेयक ध्वनिमत […]

विस में पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक-2017 पारित
विधेयक के जरिये सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सजा के साथ सामूहिक हर्जाने का प्रावधान किया गया है
कांग्रेस व वाम मोरचा ने इस संशोधन विधेयक का किया विरोध
विपक्षी दलों के हंगामे व विधानसभा से बहिर्गमन के बाद सं‍शोधन विधेयक ध्वनिमत से हुआ पारित
कोलकाता : विपक्षी सदस्यों की गैरहाजिरी में विधानसभा में बुुधवार को पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2017 ध्वनिमत से पारित हो गया. इस संशोधन विधेयक के जरिये सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सजा के साथ सामूहिक हर्जाने का प्रावधान किया गया है. कांग्रेस व वाम मोरचा के विधायकों ने इस संशोधन विधेयक का विरोध किया. विपक्षी दलों के हंगामे व विधानसभा से बहिर्गमन के बाद सं‍शोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि यह कोई नया विधेयक नहीं है. कांग्रेस की पूर्व सरकार ने 1972 में यह कानून बनाया था. हमने केवल संशोधन कर इसमें सजा व मुआवजा का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक अधिकार के तहत धरना दिया जा सकता है. जुलूस निकाला जा सकता है. प्रदर्शन किया जा सकता है, लेकिन आम लोगों की संपत्ति, सरकारी संपत्ति या किसी की सपंत्ति को जलाने का अधिकार किसी को नहीं है. 1984 में इस मामले पर केंद्रीय कानून भी बना था. कुछ बनाने में बहुत ही वक्त लगता है, लेकिन उसे जला देना बहुत ही आसान है. यह नहीं हो सकता है. कोई सरकार को दुर्बल नहीं समझे. ‘भेंगे देबो, उड़िये देबो, जालिये देेबो, पुड़िये देबो’ अब नहीं चलेगा. यदि कोई सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो इसका सामूहिक हर्जाना देना होगा.
उन्होंने विरोधी दलों के विरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि केवल अखबारों में तसवीर छपाने के लिए वे लोग विरोध कर रहे हैं. अब उन लोगों का कोई जनाधार नहीं है. उन्होंने माकपा शासन के दौरान अत्याचार का उल्लेख करते हुए कहा : ‘भूतेर मुखे राम नाम’. उन्होंने विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा हंगामा मचाने की निंदा करते हुए कहा कि यह गणतंत्र के लिए शर्मनाक है. गणतंत्र के मंदिर का असम्मान है.
ग्रामीणों की सहमति पर ही भांगड़ में लगेगा पावरग्रिड : मुख्यमंत्री
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भांगड़ में ग्रामीणों की सहमति के बाद ही पावरग्रिड का सब स्टेशन लगाया जायेगा. सुश्री बनर्जी ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि भागंड़ में सब स्टेशन को लेकर गलत प्रचार किया गया.
गलत व्याख्या की गयी. वहां 28 टॉवर लगाये जाने हैं. इनमें से 24 टॉवर लगाये जा चुके हैं, केवल चार टॉवर लगाये जाने बाकी हैं. उन्होंने कहा कि भांगड़ में राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण नहीं किया है तथा बिना ग्रामीणों की सहमति के वहां कोई काम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वहां जमीन केंद्रीय एजेंसी ने निविदा जारी कर ली है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में वोल्टेज कम रहता है. वोल्टेज बढाने के लिए सब स्टेशन लगाये जाने जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि आयुषग्राम में गड़बड़ी हुई. धूलागढ़ में गड़बड़ी हुई.
राजनीति करने की कोशिश की गयी. उ‍सके बाद पुलिस अधीक्षक व आइसी का तबादला किया गया. भांगड़ में भी आइसी का तबादला किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि भांगड़ में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा दिये गये हैं तथा यदि कोई नौकरी के इच्छुक हैं, तो सरकार नौकरी भी देगी.

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