कोलकाता. देश के कोने-कोने से गंगासागर आये लाखों श्रद्धालु गंगासागर में आस्था की डुबकी लगाकर सोमवार को लौटकर आउट्राम घाट पहुंचे और अलग-अलग शिविरों अपना डेरा डाल लिया. वहीं कुछ अपने घरों के लिए रवाना हो गये. उधर आउट्राम घाट पर कई शिविर 18 जनवरी तक श्रद्धालुओं की सेवा के लिए सुचारू रूप से काम कर रहे हैं. इस दौरान विभिन्न संस्थाओं ने श्रद्धालुओं को कंबल, फल व जरूरत के हिसाब से आवश्यक सामग्री वितरित की. बीमार श्रद्धालुओं का प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं द्वारा घाट पर लगे स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में इलाज किया गया.
श्रद्धालुओं ने बताया अनुभव : उड़ीसा के वीरमित्रापुर इलाके से आये दर्जनों श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार आउट्राम घाट पर उन्हें विभिन्न संस्थाओं की ओर से काफी अच्छी सुविधाएं मिलीं हालाकि गंगासागार मेला पहुंचने के बाद गंगा स्नान के दौरान कुछ परेशानियां हुईं लेकिन वह आम बात है. अमन कुमार, चंद्र मोहन, रूपेश, अनिता आदि श्रद्धालुओं ने बताया कि वह बीते दस साल से लगातार गंगासागर मेला में शामिल होकर मकर संक्रांति के दिन पुण्य स्नान स्नान का लाभ लेते हैं.
उन्होंने बताया कि इस बार वीरमित्रापुर से कुल 60 लोग इस बार गंगासागर मेले में आये थे. उसने बताया कि 14 जनवरी को गंगासागर मेले में पहुंचकर तीन लोग बिछड़ गये जो सोमवार को आउट्राम घाट पर मिले. इसी प्रकार हरिद्वार से आये बाबा मोहन दास व गुजरात से आये चंद्रशेखर बाबा ने बताया कि वह हर साल गंगा सागर पहुंचकर समय के अनुसार गंगा स्नान करते हैं. इस बार आउट्राम घाट से जाते समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और समय पर बसें भी नहीं मिलीं. अतिरिक्त किराया भी देना पड़ा. उन्होंने बताया कि समय से गंगासागर नहीं पहुंचने के कारण स्नान करने में काफी देर हो गयी हालांकि दोनाें साधुओं ने आउट्राम घाट पर आयोजित सेवा शिविरों की काफी प्रसंशा की.