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अमेरिका ने किया नोटबंदी का समर्थन

कोलकाता. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण के फैसले का अमेरिका ने भी समर्थन किया है और भारत को आश्वस्त किया है कि इस फैसले से भारत व यूएस के संबंधों पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं पड़ेगा. बुधवार को प्रेस क्लब, कोलकाता की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राजदूत रिचर्ड […]

कोलकाता. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण के फैसले का अमेरिका ने भी समर्थन किया है और भारत को आश्वस्त किया है कि इस फैसले से भारत व यूएस के संबंधों पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं पड़ेगा. बुधवार को प्रेस क्लब, कोलकाता की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा है कि नोटबंदी का भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इस कदम का उद्देश्य कालेधन पर अंकुश लगाना है और वे भारतीय जनता की परेशानियों को समझते हैं. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि नोटबंदी का भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने आगे कहा कि हमें अहसास है कि इसके कारण लोगों को मुश्किलें आयी हैं. हमारे दूतावासों में स्थानीय कर्मी हैं और हम उनकी मदद करने की कोशिश करे रहे हैं.
सीमा पर आतंकवाद की निंदा : रिचर्ड वर्मा ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिका, सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है. इसे खत्म करने और दोषियों की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका भारत के साथ है.
दक्षिण एशिया में संपर्क सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत : भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने दक्षिण एशिया में संपर्क बढ़ाने का आह्वान किया है और कहा है कि यह क्षेत्र दुनिया में आर्थिक रूप से सबसे कम एकीकृत इलाकों में से एक है. बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री वर्मा ने कहा कि दुर्भाग्य से आज दक्षिण एशिया दुनिया में आर्थिक रूप से सबसे कम एकीकृत क्षेत्रों में से एक है. इस क्षेत्र के कुल कारोबार में अंतर-क्षेत्रीय व्यापार का हिस्सा चार से पांच प्रतिशत है जबकि आसियान में यह 25 प्रतिशत तक है.

उन्होंने कहा कि एेतिहासिक काल में यह क्षेत्र एक एकीकृत इकाई था जो कि संवाद, व्यापार व सांस्कृतिक लेन देन की समृद्ध परंपरा से बंधा था. उन्होंने इस संदर्भ में जीटी रोड का जिक्र किया. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले उन्होंने उत्तर-पूर्वी भारत के विभिन्न राज्यों का दौरा किया था.

भारत-अमेरिका सैन्य साजोसामान समझौता ‘सामान्य’ : भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने आज कहा कि भारत के साथ हस्ताक्षर किये गए सैन्य साजोसामान सहमति समझौता ‘सामान्य’ तरह का है और यह साजोसामान तक ही सीमित है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस समझौते पर हस्ताक्षर से भारत की सुरक्षा के साथ समझौते जैसी कोई बात नहीं है. समझौता दोनों देशों को अपने ठिकाने, ईंधन और भोजन को साझा करने में सक्षम बनायेगा.
बंगाल के साथ कार्य करने को तैयार है अमेरिका : वर्मा
पश्चिम बंगाल के साथ औद्योगिक संबंधों को बेहतर करने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है. बुधवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करने के बाद अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक कर काफी खुश हैं और बैठक में दोनों के बीच सकारात्मक पहल को लेकर बातचीत हुई है. इस बैठक में अमेरिकी कंपनियों द्वारा बंगाल के विभिन्न सेक्टर में निवेश को लेकर चर्चा गयी. रिचर्ड वर्मा ने कहा कि बंगाल में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि उत्तर पूर्वी राज्यों का विकास मुख्य रूप से बंगाल पर टिका हुआ है. उन्होंने यहां ग्रीन एनर्जी, शिक्षा, बिजली, पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में साथ मिल कर कार्य करने की इच्छा जाहिर की. साथ ही उन्हाेंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि आगामी जनवरी में राज्य सरकार द्वारा आयोजित किये जा रहे ग्लोबल बिजनेस मीट में अमेरिका के भी प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध को बेहतर करने को लेकर बातचीत होगी.

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