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सिलीगुड़ी में चीन निर्मित पटाखों का बहिष्कार

कई संगठनों ने की शहीदों के लिए दीये जलाने की अपील सिलीगुड़ी. दीपावली में अब मात्र सात दिन बचे हैं. ऐसे में चायनीज लाइटों और सजावटी सामानों के साथ-साथ चीन निर्मित पटाखों से भी सिलीगुड़ी का बाजार पटा पड़ा है. लेकिन खरीदार न होने से कारोबारियों का मुंह लटका हुआ है. हावड़ा पेट्रोल पंप स्थित […]

कई संगठनों ने की शहीदों के लिए दीये जलाने की अपील
सिलीगुड़ी. दीपावली में अब मात्र सात दिन बचे हैं. ऐसे में चायनीज लाइटों और सजावटी सामानों के साथ-साथ चीन निर्मित पटाखों से भी सिलीगुड़ी का बाजार पटा पड़ा है. लेकिन खरीदार न होने से कारोबारियों का मुंह लटका हुआ है.
हावड़ा पेट्रोल पंप स्थित गोल्डेन प्लाजा, सेठ श्रीलाल मार्केट, हांगकांग मार्केट, विधान मार्केट, महावीर स्थान की कई दुकानों पर चायना पटाखों की भरमार है. लेकिन खरीदार पहले की अपेक्षा काफी कम हैं. इन दिनों पाकिस्तान और चीन के गंठजोड़ के खिलाफ भारतीयों ने चीनी सामानों का बहिष्कार कर पूरे देश में देशभक्ति की मुहिम छेड़ दी है. पूरे देश के साथ-साथ सिलीगुड़ी के लोगों, सामाजिक संगठनों ने भी संकल्प लिया है कि चायना के सामानों के साथ ही चीनी पटाखें भी नहीं फोड़ेंगे और उड़ी आतंकी हमले में शहीद वीर जवानों की याद में दीया जलाकर दीपावली मनायेंगे.
क्या कहना है पटाखा कारोबारियों का
गोल्डेन प्लाजा और सेठ श्रीलाल मार्केट के कई बड़े कारोबारी चायना निर्मित सामानों का सिलीगुड़ी में आयात करते हैं. जिन्होंने कई महीने पहले ही चीन निर्मित पटाखों में भी अपना लाखों रुपये फंसा लिया है.
एक इम्पोर्टर अनिल अग्रवाल का कहना है कि बीते कुछ सालों में चायना के सामानों की मांग काफी बढ़ी है. इससे दीपावली भी अछूती नहीं रही. तीन-चार सालों से चीनी पटाखों की ओर भी लोगों का आकर्षण बढ़ा. इसी को ध्यान में रखकर हमने इस साल भी भारी मात्रा में चीन के पटाखे काफी पहले ही खरीद लिये थे. इस बार शुरुआत में तो खुदरा दुकानदारों ने चीनी पटाखे खरीदे, लेकिन अचानक चीनी लाइटों व अन्य सामानों के साथ ही पटाखों की मांग भी कम हो गयी. श्री अग्रवाल का कहना है कि वह भी पहले भारतीय हैं, व्यापारी बाद में. लेकिन पापी पेट का सवाल है. इसी कारोबार से वह अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उनका कहना है कि भले ही कारोबार मंदा पड़ गया है, लेकिन लोगों में कूट-कूट कर भरा राष्ट्र प्रेम देखकर दिल को तसल्ली मिल रही है.
देसी त्योहार और विदेशी दुल्हन क्यों : मिथिलेश मिश्रा
बिहारी युवा चेतना समिति के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा का कहना है कि देसी त्योहार और विदेशी दुल्हन क्यों. उनका कहना है कि हम भारतीयों में बीते कुछ वर्षों में अपने पर्व-त्योहारों में भी चायना के सामानों से त्योहार पूरा करने का जो रिवाज शुरू हुआ है, यह भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है. इससे हमारा दुश्मन आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है.
श्री मिश्रा का कहन है कि भारतीय त्योहार चाहे दीपावली हो या होली या ईद या फिर क्रिसमस, सभी त्योहारों में देश की विविध लोक संस्कृति, कला और परंपराएं झलकती हैं. उन्होंने कहा कि वह अपना देशी त्योहार देसी दीये जलाकर ही करेंगे. उन्होंने सभी से भी इस दीपावली कम से कम एक दीया वीर जवानों के लिए जलाने का अपील की.
फौजी भाइयों के लिए मनायेंगे दीपावली : गुड्डू सिंह
सिलीगुड़ी के पांच नंबर वार्ड के गंगानगर के लोगों ने इस बार दीपावली फौजी भाइयों के लिए मनाने का संकल्प लिया है. यह कहना है समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह उर्फ गुड्डू का. उन्होंने कहा है कि इस बार दीपावली वाले दिन गंगानगर के सभी लोग अपने घरों में जहां वीर शहीदों के नाम का दीया जलायेंगे, वहीं हम भारतीयों की सुरक्षा हेतु सीमा पर 24 घंटे मुश्तैद फौजियों के लिए दीपावली और छठ पूजा मनायेंगे. साथ ही गंगानगर रोड नंबर-2 पर सभी लोग छठ पूजा सेवा समिति के मंच के सामने मोमबत्ती जलाकर उड़ी आतंकी हमले में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि भी देंगे.

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