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शराबबंदी पर राजनीति कर रहे हैं नीतीश

कोलकाता: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व गया टाउन से भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ प्रेम कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबंदी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने, अपराध पर नकेल लगाने में नाकामयाब रहने व महाजंगलराज […]

कोलकाता: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व गया टाउन से भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ प्रेम कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबंदी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने, अपराध पर नकेल लगाने में नाकामयाब रहने व महाजंगलराज की वापसी का आरोप लगाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की. डॉ कुमार दुर्गापूजा के अवसर पर कोलकाता आये हैं. उन्होंने हावड़ा के कई पूजा पंडालों का उदघाटन भी किया.

डॉ प्रेम कुमार ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार देश-प्रदेश में प्रचार कर रहे हैं और वाह-वाही बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होनेवाला है. वहां शराबबंदी की बात कर रहे हैं. भाजपा बिहार में शराबबंदी का समर्थन करती है, लेकिन शराबबंदी के नाम पर तालिबानी रवैया व विसंगतियों का विरोध कर रही है.

उन्होंने कहा कि बिहार स्थित 16 शराब की फैक्ट्रियों से 8.66 लाख लीटर शराब का तथा 2.33 लीटर बीयर का उत्पादन हो रहा है. लगभग 11 लाख लीटर शराब का जब बिहार में उत्पादन हो रहा है, तो फिर शराबबंदी कैसे हुई. शराबबंदी के नाम पर तालिबानी फरमान लागू किया गया है. भाजपा ने इसमें संशोधन की मांग की थी, लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया. भाजपा ने तालिबानी रवैया व काला कानून का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से बिहार में शराब पहुंच रही है. देशी जहरीली शराब का उत्पादन जारी है. गोपालगंज में जहरीली देशी शराब में मृत्यु की भी घटना घट चुकी है.

बिहार की कानून व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए डॉ कुमार ने कहा कि बिहार में अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं. आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है. शाहबुद्दीन की जमानत के मसले पर सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है. सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है. राज्य में रंगदारी, हत्या और अपराध की घटनाओं में इजाफा हुआ है. बिहार में फिर से महाजंगलराज की वापसी हुई है. बिहार के विकास के बाबत केंद्र सरकार ने केंद्रीय परियोजनाओं में धन आबंटित किया है, लेकिन सरकार उन्हें खर्च करने में पूरी तरह विफल रही है. भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ-साथ कई केंद्रीय विद्यालय बनाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन सरकार जमीन देने में विफल रही है. केंद्र सरकार ने बिहार में एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन सरकार जमीन मुहैया कराने में विफल रही है. बिहार में विकास पूरी तरह से ठहर गया है. ऐसी स्थिति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्काल इस्तीफा दें.

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