उन्होंने कहा : इस बार मैं अपनी बेगुनाही साबित करूंगा. उनके वकील निलाद्री भट्टाचार्य ने बताया कि अदालत में अपील दायर की जायेगी, ताकि वे अपने आवास पर जा सकें. शुक्रवार को अलीपुरा सत्र अदालत ने पूर्व परिवहन मंत्री मित्रा को 15 लाख रुपये की दो प्रतिभूति भरने पर जमानत दी थी. उन्हें 23 नवंबर से पहले अदालत के समक्ष पेश होने, सीबीआइ को अपना पासपोर्ट देने और सीबीआइ के जांच अधिकारी के समक्ष हफ्ते में एक बार पेश होने का निर्देश दिया गया है.
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जेल से रिहा हुए मदन मित्रा
कोलकाता. सारधा घोटाला मामले में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व मंत्री नेता मदन मित्रा शनिवार सुबह रिहा हो गये. सुबह लगभग छह बजकर 45 मिनट पर अलीपुर जेल से रिहा किये गये मित्रा को शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक होटल में ले जाया गया. यह होटल भवानीपुर पुलिस थाने […]
कोलकाता. सारधा घोटाला मामले में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ व पूर्व मंत्री नेता मदन मित्रा शनिवार सुबह रिहा हो गये. सुबह लगभग छह बजकर 45 मिनट पर अलीपुर जेल से रिहा किये गये मित्रा को शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक होटल में ले जाया गया. यह होटल भवानीपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आता है. 21 महीने जेल में रहने के बाद मित्रा को अदालत ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वे इसी थाने के अतंर्गत आनेवाले इलाके में ही रह सकते हैं.
मित्रा को उनके कालीघाट पुलिस थाने के अंतर्गत आनेवाले आवास पर नहीं ले जाया जा सकता है. रिहा होने के बाद मित्रा ने कहा : अपने परिवार के पास आकर मैं बहुत खुश हूंं. मैं अदालत की शर्तों का पालन करूंगा. अब मैं आराम करूंगा, परिवार के साथ समय गुजारूंगा और दुर्गा पूजा का आनंद उठाऊंगा.
उनके भवानीपुरी पुलिस थाना क्षेत्र से बाहर जाने पर रोक लगायी गयी है.
12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किये गये मदन मित्रा को पिछले साल निचली अदालत ने जमानत दी थी, जिसे पिछले साल 20 नंवबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने इस मामले की जांच जून 2014 में शुरू की थी.
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