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हड़ताल को जनसमर्थन मिलने का दावा

कोलकाता. केंद्रीय श्रमिक संगठनों व फेडरेशन समूह द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल राज्य में भी सफल रही. हड़ताल को जनसमर्थन मिला. आरोप के अनुसार तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हड़ताल को विफल करने की पूरी कोशिश लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हड़ताल की सफलता श्रमिकों की जीत है. ऐसा दावा […]

कोलकाता. केंद्रीय श्रमिक संगठनों व फेडरेशन समूह द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल राज्य में भी सफल रही. हड़ताल को जनसमर्थन मिला. आरोप के अनुसार तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हड़ताल को विफल करने की पूरी कोशिश लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हड़ताल की सफलता श्रमिकों की जीत है. ऐसा दावा सीटू समेत 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने किया. शुक्रवार को श्रमिक भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान हड़ताल को लेकर केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेताओं ने अपनी बात रखी. इस मौके पर राज्य में सीटू के अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती, सीटू के वरिष्ठ नेता दीपक दासगुप्ता, प्रदेश इंटक के अध्यक्ष रमेन पांडेय, यूटीयूसी के अशोक घोष समेत अन्य श्रमिक नेतागण मौजूद रहे.
सीटू के आला नेता श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल का परिवहन व बैंकिंग सेवाओं के साथ चाय बागानों, कोयला व इस्पात, जूट मिल व कारखानों में व्यापक रूप से असर पड़ा. आरोप के अनुसार, हड़ताल को प्रभावित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाया गया था लेकिन आम लोगों ने हड़ताल को सफल बनाया. सरकारी कार्यालय खुले तो रहे लेकिन सेवा लेनेवालों की संख्या काफी कम रही. हड़ताल का समर्थन करनेवाले लोगों पर हमले भी किये गये. महानगर के हाजरा मोड़ से श्रमिक संगठनों की रैली निकाली गयी जिसे लेक मार्केट के पास तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने रोकने की कोशिश की. ऐसी घटनाएं राज्य के कई इलाकों में भी घटीं. आरोप है कि पुलिस महज मूक दर्शक बनी रही. सिलीगड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य, जीवेश सरकार और एस पाठक समेत हड़ताल में शामिल दर्जनों कार्यकर्ताओं व समर्थकों को गिरफ्तार भी किया गया था. पूरे राज्यभर में 270 से ज्यादा हड़ताल के समर्थकों को गिरफ्तार किये जाने की सूचना है. चक्रवर्ती ने व्यंग्य करते हुए कहा कि हड़ताल को विफल करने के लिए अपना सारा काम छोड़कर सड़क पर निकले तृणमूल कार्यकर्ताओं ने एक तरह से हड़ताल को सफल करने की भूमिका निभायी है.

इंटक के नेता रमेन पांडेय ने कहा कि केंद्रीय सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ व श्रमिकों की 12 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल की गयी थी. ऐसे में हड़ताल का विरोध करने व बाधा दिये जाने की तृणमूल कांग्रेस की कोशिश से यह साफ हो गया है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार के साथ तृणमूल कांग्रेस का सांठगांठ है. बंगाल जैसी अराजक स्थिति किसी भी राज्य में देखने को नहीं मिली. कई राज्यों की सरकार ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया था लेकिन हड़ताल को प्रभावित व विफल करने की ऐसी कोशिश कहीं नहीं की गयी जैसा कि बंगाल में किया गया.

लोगों के समर्थन से असरदार रही हड़ताल : भाकपा : राज्य में हड़ताल को विफल करने की तमाम कोशिशों को आम लोगों ने बेकार साबित कर दिया. हड़ताल का राज्य में व्यापक असर रहा. भाकपा के प्रदेश सचिव प्रबोध पांडा ने हड़ताल का समर्थन करने वाले तमाम लोगों का अभिनंदन किया. कहा कि राज्य के लोग श्रमिकों के हित की मांगों के पक्ष मेें दिखे. ऐसा कर उन्होंने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को करारा जवाब दिया है. भविष्य में भी श्रमिक आंदोलन का रूप और व्यापक होगा.

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