पर अब राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज पर सख्त कदम उठाने जा रही है. अगर किसी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी की लापरवाही व गफलत से आम लोग परिसेवा से वंचित होते हैं, तो उस स्थिति में सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. उभपोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडेय के अनुसार आरोप गंभीर होने पर दोषी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी काे सजा भी दी जा सकती है.
तीन वर्षों पहले राज्य सरकार ने जन परिसेवा कानून बनाया था, लेकिन स्वयं उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडेय यह स्वीकार कर रहे हैं कि इस कानून का पालन नहीं हाे रहा है. इस काम के लिए 50 लाख रुपये खर्च कर सरकारी कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है, इसके बावजूद अधिकतर विभागों में इस कानून काे लागू ही नहीं किया गया है. श्री पांडेय का कहना है कि लोगों की सरकार से काफी उम्मीदें हैं, इसलिए आम लोग अगर सरकार के पास किसी काम से आते हैं, तो उन्हें लौटाया नहीं जा सकता है. लोगों की उम्मीद को पूरा करना ही होगा. इसके लिए काम की रफ्तार बढ़ानी होगी.