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सबूजश्री योजना : शिशु कन्या के लिए अनोखी पहल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की छात्राओं के लिए कन्याश्री व सबूज साथी योजना के बाद मां-माटी-मानुष सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक और योजना शुरू करने का फैसला किया है. कन्या अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान होती हैं. इस कथनी को सार्थक बनाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिशु कन्या के प्रति लोगों का प्यार बढ़ाने के […]

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की छात्राओं के लिए कन्याश्री व सबूज साथी योजना के बाद मां-माटी-मानुष सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक और योजना शुरू करने का फैसला किया है. कन्या अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान होती हैं. इस कथनी को सार्थक बनाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिशु कन्या के प्रति लोगों का प्यार बढ़ाने के लिए एक नयी योजना सबूजश्री शुरू करने जा रही हैं.
सबूजश्री योजना के तहत राज्य में किसी भी हिस्से में अगर एक शिशु कन्या का जन्म होता है तो राज्य सरकार द्वारा उसके माता-पिता को एक पौधा दिया जायेगा और उस शिशु के नाम पर माता-पिता को वह पौधा लगाना होगा. मुख्यमंत्री चाहती हैं कि उस पौधे का नामकरण भी शिशु कन्या के नाम पर हो. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में देश का नाम रौशन बेटियों ने किया है. यह हमारा वरदान है, भगवान के इस अनमोल वरदान का हमें अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है. राज्य सरकार ने इससे पहले भी छात्राओं को स्कूल तक लाने के लिए कन्याश्री व सबूज साथी योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रही है.
कैसे होगा योजना पर कार्य
इस संबंध में राज्य के वन विभाग के संयुक्त सचिव पीके दास ने बताया कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की है और स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारियों को इस योजना की जानकारी दे दी है और उनको सूचित किया गया है कि किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में अगर कहीं शिशु कन्या का जन्म होता है तो अस्पताल से डिस्चार्ज के समय वन विभाग द्वारा कन्या के माता-पिता को एक पौधा दिया जायेगा, जिसे उन्हें उनकी बेटी के नाम पर लगाने का आवेदन किया जायेगा. फिलहाल, शिशु कन्या के जन्म पर राज्य सरकार द्वारा पौधा दिया जायेगा, भविष्य में शिशु (पुरुष) के भी जन्म पर राज्य सरकार उनके परिवार को पौधा देगी. इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा ब्लॉक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
योजना से लाभ
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बंगाल में प्रत्येक वर्ष औसतन 15 लाख शिशु कन्या का जन्म होता है. अगर वन विभाग द्वारा प्रत्येक परिवार को उनकी बच्ची के नाम पर एक पौधा लगाने के लिए दिया जाता है तो प्रत्येक वर्ष कम से कम 15 लाख पौधे लगाये जा सकेंगे और यह क्रम प्रत्येक वर्ष जारी रहेगा.

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