कोलकाता. सबसे पहले प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों की नियुक्ति होगी और उसके बाद अगर पद खाली बचे तो उन पदों पर गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों की नियुक्ति की जायेगी. गुरुवार को ऐसी ही रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से हाइकोर्ट में जमा की गयी. गुरुवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश सीएस करनान के समक्ष प्राथमिक टेट परीक्षा को लेकर […]
कोलकाता. सबसे पहले प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों की नियुक्ति होगी और उसके बाद अगर पद खाली बचे तो उन पदों पर गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों की नियुक्ति की जायेगी. गुरुवार को ऐसी ही रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से हाइकोर्ट में जमा की गयी.
गुरुवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश सीएस करनान के समक्ष प्राथमिक टेट परीक्षा को लेकर हुए मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता लक्ष्मी गुप्त ने बताया कि टेट मामले की समाधान के लिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पहले प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को नौकरी दी जायेगी और उसके बाद अगर रिक्त पद बचते हैं तो उन पर गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों को रखा जायेगा.
याचिकाकर्ता के वकील सौमेन दत्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले 23 मार्च को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) को पत्र लिख कर गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों की नियुक्ति करने के लिए नियम में संशोधन करने की अपील की थी.
राज्य सरकार ने कहा था कि यहां पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षक प्राप्त उम्मीदवार नहीं हैं, इसलिए गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों को नौकरी दी जाये. हालांकि राज्य सरकार ने एनसीटीई को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी कि यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों की संख्या कितनी है, रिक्त पद कितने हैं और गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों की संख्या कितनी है.
इन जानकारियों के बिना ही राज्य सरकार ने एनसीटीई से एक वर्ष के लिए छूट देने की मांग की थी. हालांकि इससे पहले एनसीटीई दो वर्ष नौ महीने के लिए पहले ही छूट दे चुकी है, इसलिए इसमें और एक वर्ष की छुट्टी देना अवैध है. इसके बाद राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता लक्ष्मी गुप्त ने कहा कि राज्य में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवार नहीं हैं.
इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील सौमेन दत्ता ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय के 38 हजार रिक्त पदों के लिए लगभग 20 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी और इसमें लगभग 70 हजार उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने प्रशिक्षण लिया है. हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक गैर-प्रशिक्षित उम्मीदवारों को नौकरी नहीं दी जा सकती है. मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.