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सेफ ड्राइव, सेव लाइफ: पीली टैक्सियों में ऐप के समर्थन में शुभेंदु

कोलकाता: परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी पीली टैक्सियों में ऐप लगाने के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि पीली टैक्सियों के लिए ऐप लगाना कोई बाध्यता नहीं है. किसी भी ऐप कंपनी के ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है. श्री अधिकारी ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि हाल […]

कोलकाता: परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी पीली टैक्सियों में ऐप लगाने के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि पीली टैक्सियों के लिए ऐप लगाना कोई बाध्यता नहीं है. किसी भी ऐप कंपनी के ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है. श्री अधिकारी ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि हाल में परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है कि निजी टैक्सियों ओला, उबेर व मेरू की तरह पीली टैक्सियों में भी ऐप लगाया जा सके.
उन्होंने कहा कि हालांकि यह टैक्सी चालक व टैक्सी मालिक पर निर्भर करेगा कि वह किस कंपनी का ऐप का इस्तेमाल करें. इस मामले में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. यह पूरी तरह से टैक्सी चालक व टैक्सी मालिक का निर्णय होगा. सरकार इस बाबत किसी भी टैक्सी चालक पर दबाव नहीं डाल सकती है. उल्लेखनीय है कि विभिन्न टैक्सी ऐप कंपनियों की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि राज्य सरकार के साथ इस बाबत समझौता किया जाये, ताकि राज्य सरकार की ओर से उक्त कंपनी के ऐप को मंजूरी दी जाये.
आज मोटर ट्रेनिंग स्कूल के प्रशिक्षकों के साथ कार्यशाला
सोमवार को साइंस सिटी में परिवहन विभाग की ओर से लाइसेंस प्राप्त मोटर ट्रेनिंग स्कूल के प्रशिक्षकों व अधिकारियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री के ‘सेफ ड्राइव, सेव लाइफ’ अभियान के तहत इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री ने हाल में नजरूल मंच में आयोजित कार्यक्रम में ‘सेफ ड्राइव, सेव लाइफ’ परियोजना की शुरुआत की थी. श्री अधिकारी ने बताया कि इस कार्यशाला में आइआइटी के विशेषज्ञ भी रहेंगे, तो लाइसेंस प्राप्त मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के ड्राइवरों को ‘सेफ ड्राइव’ की बारीकियों को समझायेंगे. परिवहन मंत्री व परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
टैक्सी ऐप कंपनी के अधिकारी के अनुसार, साइंस सिटी के इसी कार्यक्रम में पीली टैक्सियों के लिए ऐप की शुरुआत करने की घोषणा परिवहन विभाग द्वारा किया जाना था, लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया गया है, क्योंकि राज्य सरकार यह नहीं चाहती है कि किसी विशेष निजी ऐप कंपनी की वह वकालत करे, हालांकि निजी ऐप कंपनी विभिन्न टैक्सी यूनियनों के साथ बातचीत कर रही है, ताकि टैक्सी यूनियनों के माध्यम से ऐप को पीली टैक्सियों में लागू किया जा सके.
4-11 अगस्त तक पीली टैक्सियों में ऐप के लिए पंजीकरण
एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि पीली टैक्सियों मेें ऐप लगाने को लेकर टैक्सी यूनियन कार्यालय में पंजीकरण किया जायेगा. श्री श्रीवास्तव ने कहा कि चार अगस्त से 11 अगस्त तक दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक पीली टैक्सियों में ऐप लगाने को लेकर टैक्सी चालकों व मालिकों का पंजीकरण किया जायेगा. यूनियन ने 11 अगस्त तक 500 पीली टैक्सियों में ऐप लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. हाल में टैक्सी ऐप कंपनी टीवीइजीआर के साथ एटक समर्थित टैक्सी यूनियनों के साथ पीली टैक्सियों में ऐप लगाने को लेकर समझौता भी किया है तथा सिलायदह में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसे उतारा भी गया था. उन्होंने कहा कि पीली टैक्सी चालकों में ऐप को लेकर काफी उत्साह है. यदि ओला, उबेर व मेरू आदि निजी टैक्सियों का मुकाबला करना है, तो ऐप जरूरी है, ताकि पीली टैक्सियां प्रतियोगिता के बाजार में टिक पायेगी. उन्होंने कहा कि पीली टैक्सियां में ऐप लगाये जायें. इस बाबत टैक्सी चालक व मालिकों को किश्त पर स्मार्ट मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं, ताकि वे इस सुविधा का लाभ उठा सकें.
स्मार्ट फोन की अनुपलब्धता बाधक : टीवाइजीआर
मोबाइल ऐप कंपनी टीवीआइजीआर के सह-संस्थापक व सीइओ आदित्य पोद्दार का कहना है कि पीली टैक्सियों में ऐप लगाने के पीछे सबसे बड़ी समस्या पीली टैक्सी चालकों के पास स्मार्ट फोन का अभाव होना है. इसके साथ ही टैक्सी चालकों में ऐप को लेकर जागरूकता पैदा करनी होगी और उन्हें यह समझाना होगा कि वर्तमान में पीली टैक्सियों के लिए ऐप समय की जरूरत है. यदि इसे नहीं लगाया गया, तो उनके अस्तित्व को लेकर संकट खड़ा हो जायेगा.

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