कोलकाता : प्रख्यात साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी शुक्रवार पंचतत्व में विलीन हो गयीं. रवींद्र सदन में उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. हालांकि शुक्रवार सुबह से ही महानगर में बारिश हो रही थी, लेकिन उनके चाहनेवालों ने इसकी परवाह नहीं की. शुक्रवार सुबह राज्य के युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास और सूचना व संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन के नेतृत्व में महाश्वेता देवी के पार्थिव शरीर को रवींद्र सदन लाया गया. सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक महाश्वेता देवी के पार्थिव शरीर को वहां रखा गया,
जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. रवींद्र सदन से केवड़ातल्ला श्मशान के लिए निकले महाश्वेता देवी की शवयात्रा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया. मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाश्वेता देवी का जाने से उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंची है. महाश्वेता देवी उनके लिए प्रेरणादायक थीं और उनके बीच मां-बेटी जैसा रिश्ता था. रवींद्र सदन में महाश्वेता देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का तांता लगा.
इसमें तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद मुकुल राय, विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी, तृणमूल सांसद सुलतान अहमद, वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु, माकपा के प्रदेश सचिव डा सूर्यकांत मिश्रा, माकपा के विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती, राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा, शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान व भाजपा की ओर से जय बनर्जी, चित्रकार शुभा प्रसन्न, साहित्यकार सुबोध सरकार भी शामिल रहे. इसके बाद महाश्वेता देवी के पार्थिव शरीर को केवड़ातल्ला श्मशान घाट ले जाया गया, जहां पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.