प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय का 27वां दीक्षांत समारोह व सेमिनार
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शिक्षा का इस्तेमाल शांति व खुशी के लिए करें
प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय का 27वां दीक्षांत समारोह व सेमिनार कोलकाता : हम ज्ञान को भूल कर सूचनाओं को जमा करने में जुटे हुए हैं. शिक्षा व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होती है. इससे जीवन में शांति, आध्यत्मिकता व खुशी प्राप्त होती है. ये बातें प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह में असम विश्वविद्यालय के […]
कोलकाता : हम ज्ञान को भूल कर सूचनाओं को जमा करने में जुटे हुए हैं. शिक्षा व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होती है. इससे जीवन में शांति, आध्यत्मिकता व खुशी प्राप्त होती है.
ये बातें प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह में असम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो सुभाष चंद्र साहा ने कहीं. उन्होंने भूटान का उदाहरण देते हुए बताया कि विश्व का यह एकमात्र देश है, जहां नागरिकों के मानवीय मूल्यों को देश के जीडीपी सूचकांक में शामिल किया गया है. इस अवसर पर प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने विज्ञान व आध्यात्मिकता पर एक सेमिनार का भी उदघाटन किया. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य एजुकेशन, इंपावरमेंट व इनलाइटमेंट है.
इस सेमिनार में मलयेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, घाना, बांग्लादेश व नेपाल से आये 650 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सेमिनार के मुख्य वक्ताओं में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री प्रबोध चंद्र सिन्हा, कोलकाता के पूर्व विशप राजू, सुश्री जया विश्वास, मलयेशिया के डॉ अहमद जोहरी, म्यांमार के बौद्ध भिक्षु माध्य नंदा, रामकृष्ण मिशन के स्वामी चेतसानंद, घाना के माइकल केेरीमातंग, बांग्लादेश की सुश्री फातिमा अलझारा अबुलगासिम व संयुक्त अरब के डॉ हरयूनर रशीद ने अध्यात्म व विज्ञान पर अपने विचार व्यक्त किये.
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