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राजस्थानी मूल के व्यवसायी दंपती की हत्या
मालदा: गुरुवार देर रात जिले के बड़े व्यवसायी रामरतन अग्रवाल (58), उनकी पत्नी अंजू अग्रवाल (55) और घर में रहनेवाले एक कर्मचारी गणेश उठ (60) की घर में ही हत्या कर दी गयी. तीनों की हत्या गले और सिर पर धारदार हथियार से वार करके की गयी है. इस हत्याकांड के खिलाफ मालदा मर्चेंट चेंबर […]
मालदा: गुरुवार देर रात जिले के बड़े व्यवसायी रामरतन अग्रवाल (58), उनकी पत्नी अंजू अग्रवाल (55) और घर में रहनेवाले एक कर्मचारी गणेश उठ (60) की घर में ही हत्या कर दी गयी. तीनों की हत्या गले और सिर पर धारदार हथियार से वार करके की गयी है. इस हत्याकांड के खिलाफ मालदा मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स ने शनिवार को 12 घंटे का व्यवसाय बंद बुलाया है. आक्रोशित व्यवसायियों और लोगों ने शुक्रवार सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग -34 को जाम रखा. यह नृशंस हत्याकांड मालदा शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग- 34 से लगे विवेकानंदपल्ली इलाके में हुआ है.
शहर के पॉश इलाके 17 नंबर वार्ड के विवेकानंदपल्ली में तीन लोगों की हत्या से पूरे शहर में सनसनी फैल गयी. विवेकानंदपल्ली में घनी आबादी होने के बावजूद किसी पड़ोसी को वारदात होते समय इसकी भनक तक नहीं लगी. मृतक के घर के सामने एक छापाखाना है. वहां लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में पुलिस जुटी हुई है. मृत व्यवसायी के घर के पास ही उनके दो भाई रामकिशन अग्रवाल और रामलक्षण अग्रवाल भी रहते हैं. वह भी इस हत्याकांड के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं.
इस हत्याकांड के बारे में सबसे पहले खबर लगी रघु घोष नामक एक दूधवाले को. रोज की तरह वह सुबह आठ बजे व्यवसायी रामरतन अग्रवाल के घर दूध लेकर पहुंचा. बाहर का दरवाजा खुला देख कर वह भीतर घुसा. मेनगेट पार करने के बाद गैराज के पास एक व्यक्ति का खून से लथपथ शरीर पड़ा था. यह देखकर वह बाहर निकल आया और इसकी खबर देने दोनों भाइयों के घर पहुंचा. इसके बाद दोनों घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने देखा कि बड़े भाई रामरतन अग्रवाल का शव गैराज में पड़ा हुआ है. घर के भीतर घुसने पर भाभी अंजू और घर के कर्मचारी के शव अलग-अलग जगहों पर पड़े मिले. इस बारे में खबर मिलते ही पड़ोसी भी वहां पहुंचे.
व्यवसायी की हत्या की खबर पाकर इंगलिशबाजार थाने के आइसी विपुल बनर्जी बड़ी संख्या में पुलिस लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद एक-एक करके डीएसपी दिलीप कुमार हाजरा, एएसपी अभिषेक मोदी और एसपी अर्णव घोष भी पहुंचे. इस दौरान पुलिस के खोजी कुत्ते को लाया गया. कुत्ता घर में घूमने के बाद घर से निकलकर एचएच पर आ गया और मंगलबाड़ी महानंदा सेतु तक गया.
मृतक रामरतन अग्रवाल के मझले भाई रामकिशन अग्रवाल ने बताया कि दूधवाले से खबर मिलने के बाद हम लोग यहां पहुंच. घर में बड़े भाई, भाभी और एक घरेलू कर्मचारी के शव पड़े हुए थे. घर में यही तीनों लोग रहते थे. भैया की तीन बेटियां हैं जिनमें से दो की शादी हो चुकी है. छोटी बेटी नयना अग्रवाल कोलकाता में पढ़ती है. भैया-भाभी के कमरे की आलमारी टूटी हुई थी. सारी चीजें उलट-पुलट कर पड़ी थीं. नीचे के कमरे का एक लॉकर टूटा हुआ था. सोने के गहने और नकद रुपये कुछ भी मौजूद नहीं था. मृतक के परिजनों का दावा है कि जिन लोगों ने इस कांड को अंजाम दिया है वे इस घर से अच्छी तरह से वाकिफ थे.
इधर, व्यवसायी की हत्या को लेकर मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव उज्ज्वल साहा ने कहा कि शहर में एक के बाद एक खून और डकैती की घटनाएं हो रही हैं. इस बार एक बड़े व्यवसायी की हत्या हुई है. पुलिस पूरी तरह विफल है. कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है. हम लोगों ने इसके विरोध में शनिवार को 12 घंटे का व्यवसाय बंद बुलाया है. पुलिस को हमने 12 घंटे का समय दिया है. अगर इस दौरान बदमाश गिरफ्तार नहीं हुए तो हम लोग बड़े आंदोलन में उतरेंगे.
उच्चस्तरीय जांच की मांग
नगरपालिका के चेयरमैन कृष्णेंदु चौधरी ने कहा कि इस तरह की घटना की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है. दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए. इंगलिशबाजार के विधायक निहार घोष ने कहा कि शहर के हृदयस्थल में इस तरह के हत्याकांड के दोषियों को फौरन गिरफ्तार किया जाये. इस घटना के संबंध में शुक्रवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष सुब्रत कुंडू ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर दावा किया कि रामरतन अग्रवाला आरएसएस के सदस्य थे. उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री को भी दी गयी है. भाजपा का राज्य नेतृत्व पूरे मामले को प्रशासन की नजर में लाया है.
क्या कहती है पुलिस
इस संबंध में जिले के पुलिस अधीक्षक अर्णव घोष ने कहा कि व्यवसायी की हत्या की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गयी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक मोदी खुद यह जांच कर रहे हैं.
मौके पर पहुंचे विधायक, चेयरमैन
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर इंगलिशबाजार नगरपालिका के चेयरमैन कृष्णेंदु चौधरी, विधायक निहार घोष, कांग्रेस नेता नरेंद्रनाथ तिवारी, स्थानीय पार्षद बाबला सरकार आदि भी पहुंचे गये. इसके बाद मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जयंत कुंडू और सचिव उज्ज्वल साहा भी संगठन के सदस्यों के साथ आये. इन लोगों ने व्यवसायी की हत्या का विरोध करते हुए एनएच पर जाम लगा दिया.
पहले से ही घर में छिपकर बैठे थे हत्यारे!
मालदा. क्या सिर्फ डकैती के लिए तीन लोगों की हत्या की गयी है या इसके पीछे कोई अन्य कारण है? डकैती के लिए तीन लोगों की हत्या की बात पुलिस के गले नहीं उतर रही. इसके अलावा कितने की लूटपाट हुई है, इस बारे में भी अभी कुछ पता नहीं चल पाया है. जो नकदी और गहने गायब हैं, उसका कोई हिसाब पुलिस को नहीं मिल पाया है.
प्राथमिक जांच के बाद पुलिस को आशंका है कि हत्यारे पहले से ही घर में छुपकर बैठे हुए थे. पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात को घर में रामरतन अग्रवाल की पत्नी और हमेशा साथ रहनेवाला घरेलू कर्मचारी थे. रात करीब साढ़े 11 बजे रामरतन अग्रवाल घर में घुसे. पुलिस का मानना है कि पहले अंजू अग्रवाला की हत्या की गयी, फिर घरेलू कर्मचारी गणेश उठ को मारा गया. इसके बाद हत्यारे रामरतन अग्रवाला के इंतजार में बैठे हुए थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रामरतन अपने एक बीमार दोस्त को देखने मालदा शहर के फिरोजपुर इलाके में गये हुए थे. दोस्त के घर से वह रात करीब 11 बजे बाइक लेकर अपने घर के लिए निकले. घर के सामने स्थित छापाखाने के सीसीटीवी कैमरों से पता चला है कि वह रात को 11.25 बजे अपने घर के सामने किसी से मोबाइल पर बात कर रहे थे. वह घर की कॉलिंग बेल बजा रहे थे. उन्होंने करीब 10 मिनट तक इंतजार किया. इसके बाद घर का दरवाजा खुला और वह भीतर घुसे. उस रात मेन गेट का दरवाजा किसने खोला था, पुलिस इस बारे में जांच कर रही है. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से यह भी पता चला है कि रात 10 बजे रामरतन अग्रवाला के घर के मेन गेट का शटर एक बार बंद किया गया था. फिर रात साढ़े 10 बजे शटर खोला गया. तभी एक व्यक्ति भीतर घुसते दिख रहा है. यह व्यक्ति कौन, पुलिस इस बारे में पता लगा रही है. रामरतन अग्रवाल के भाइयों और पड़ोसियों ने बताया कि मृतक के घर का दरवाजा हर समय बंद रहता था. परिचित व्यक्ति के अलावा और कोई घर में घुस नहीं सकता था. मझले भाई रामकिशन अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ डकैती के लिए यह हत्याकांड नहीं हो सकता. इसके पीछे कोई अन्य कारण जरूर है. पूरी घटना की साजिश पहले से बनायी गयी लगती है. हमलोग इस मामले की उच्चस्तरीय जांच चाहते हैं. भैया का कोई दुश्मन नहीं था. वह बहुत से सेवा कार्यों से जुड़े हुए थे.
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