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सिंडिकेट पर नकेल
तारकेश्वर मिश्र मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के पार्षद अनिंद्य चट्टोपाध्याय को रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस घटना से महानगर और आसपास के इलाकों में सिंडिकेट राज चला रहे लोगों में हड़कंप मच गया है. यह विश्वास कर पाना मुश्किल हो रहा है कि ममता बनर्जी […]
तारकेश्वर मिश्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के पार्षद अनिंद्य चट्टोपाध्याय को रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस घटना से महानगर और आसपास के इलाकों में सिंडिकेट राज चला रहे लोगों में हड़कंप मच गया है.
यह विश्वास कर पाना मुश्किल हो रहा है कि ममता बनर्जी अपनी ही पार्टी के एक निर्वाचित नेता के खिलाफ इतना कड़ा फैसला ले सकती हैं. अभी हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान विधाननगर के चेयरमैन ने एक बयान में कहा था कि अगर सिंडिकेट राज की व्यवस्था को छेड़ने की कोशिश की गयी तो फिर सरकार उलट जायेगी. यह बयान राज्य में सरकारी तंत्र पर सिंडिकेट के माध्यम से इलाकों की राजनीति तय करनेवाले लोगों की पकड़ और प्रभाव का परिचायक माना गया. लेकिन, अब जो हुआ है, वो पूरी तरह से इस बयान को चुनौती देनेवाली घटना है. विधाननगर इलाके में सिंडिकेट माफिया को मुख्यमंत्री ने एक खुली चुनौती दे दी है.
केवल मुख्यमंत्री ही नहीं, अभी पार्टी के विभिन्न पदों पर बैठे सभी बड़े नेता अपने इलाकों में यही बता रहे हैं कि पार्टी के नाम पर कहीं भी चंदा उगाही और रंगदारी वसूलने की सूचना मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसमें कोई संदेह नहीं कि मुख्यमंत्री के इस कार्य की आम जनता में खूब प्रशंसा हो रही है, लेकिन साथ ही लोग अभी भी इसके व्यापक प्रभाव को लेकर आशंकित दिख रहे हैं.
खासकर कोलकाता महानगर और आसपास के इलाकों में वैध अथवा अवैध निर्माण के माध्यम से कमाई करनेवाले लोगों और उन्हें प्रश्रय देने के नाम पर वसूली करनेवाले नेताओं की दुकानदारी बंद होना बहुत आसान नहीं लग रहा है. ऐसी ही आशंका के साथ विधाननगर के ही एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने बताया कि पार्षद की गिरफ्तारी में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की बड़ी भूमिका रही.
उन्होंने मुख्यमंत्री तक पार्षद के गलत क्रियाकलापों को पहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा की. परंतु, उनके अपने ही निर्वाचन क्षेत्र के बड़ाबाजार इलाके में केवल तृणमूल के ही नहीं, बल्कि अन्य दलों के भी कई नेता और पार्षद सिंडिकेट बना कर जबरन वसूली का खेल वर्षों से खेल रहे हैं. ऐसी दर्जनों शिकायतें, सांसद के पास लिखित तौर पर भेजी जा चुकी हैं. लेकिन, अब तक उन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.
तृणमूल के इस नेता ने बड़ाबाजार में निर्माण कार्य को लेकर की जा रही वसूली की शिकायत से संबंधित कई दस्तावेज ‘प्रभात खबर’ को उपलब्ध कराये और साथ ही कहा – “लाख-दो लाख की वसूली करनेवाले लोगों के खिलाफ तो कार्रवाई होती है, लेकिन बड़ाबाजार में करोड़ों की वसूली करनेवालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी क्या?” तृणमूल नेता ने दावा किया कि “विभिन्न इलाकों में अलग-अलग राजनीति करनेवाले नेता वसूली के मामले में एकजुट हो जाते हैं और इसी कारण यह सिंडिकेट राज फल-फूल रहा है.
सत्ता में रहनेवाली पार्टी के नेता की हिस्सेदारी, इस सिंडिकेट की वसूली में हमेशा अधिक रहती है. सिंडिकेट में केवल नेता ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक पदों पर बैठे कुछ अधिकारियों और खासकर थाने के कुछ लोगों का भी हिस्सा होता है. कई बार तो मुख्यमंत्री और इलाके के सांसद का हिस्सा भी मांगा जाता है.” अगर यह सच है तो स्थिति सचमुच भयावह है.
हाल ही में राज्य के एक मंत्री के नाम पर हो रही वसूली के खिलाफ भी खुद मुख्यमंत्री को पहल करनी पड़ी थी और पुलिस की निगरानी में शिकायतकर्ता का निर्माण कार्य कराया गया था. कुछ भी हो मुख्यमंत्री ने एक अच्छे कार्य की पहल तो कर ही दी है. भले ही यह पहल अभी किसी छोटे वसूली के खिलाफ की गयी हो, इसका असर बड़ी मछलियों पर भी देर-सबेर होना स्वाभाविक है. राज्य की जनता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिस भारी बहुमत से पुनः मुख्यमंत्री बनाया है, उससे राज्य में एक साफ-सुथरी व्यवस्था और गुंडाराज से मुक्ति की आस भी बढ़ी है.
कहा जाता है कि किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत होने में ही अड़चन होती है. शुरुआत होने के बाद उसे पूरा होने में समय नहीं लगता है. उदाहरण, पड़ोसी राज्य बिहार में शराबबंदी लागू करने का फैसला है. बिहार के मुख्यमंत्री ने वित्तीय कठिनाइयों के साथ रहते हुए भी, जनहित में अपने इस नेक संकल्प पर अमल किया और अब वह पूरी तरह से लागू भी हो रहा है.
इस आधार पर बंगालवासी भी यह आशा कर सकते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस अच्छे संकल्प से सिंडिकेट राज, वसूली और गुंडागर्दी के खिलाफ पहल की है उससे न केवल बड़ाबजार, बल्कि पूरे राज्य की जनता को एक बेहतर परिणाम जरूर देखने को मिलेगा.
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