कोलकाता. विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद से वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है. यह आरोप माकपा राज्य कमेटी के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने लगाया है. वे गुरुवार आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि […]
कोलकाता. विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद से वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है. यह आरोप माकपा राज्य कमेटी के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने लगाया है. वे गुरुवार आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
जहां उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद करीब नौ वामपंथी कार्यकर्ताओं की हत्या किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. करीब 684 वामपंथी कार्यालयों में तोड़फोड़ व जबरन कब्जा किये जाने की घटना घटी, जबकि 135 वामपंथी संगठनों के कार्यालयों में तोड़फोड़ किया गया. राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ उन्होंने व्यापक आंदोलन किये जाने का आह्वान किया है.
श्री मिश्रा ने कहा कि आंदोलन तीन स्तर पर चलाया जायेगा. एक तो पार्टी अपने दल के माध्यम से उपरोक्त घटनाओं का विरोध करेगी. दूसरी ओर वाममोरचा के आंदोलनों में भी पार्टी हिस्सा लेगी. तीसरे स्तर पर वाममोरचा के बाहर वाले दल यानी आरजेडी, जेडीयू, एनसीपी जैसी पार्टियों के साथ भी आंदोलन में माकपा शामिल होगी. गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब मिश्रा ने कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से आंदोलन किये जाने की योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ व लोकतंत्र की रक्षा के लिए होने वाले आंदोलन में पहले ही धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के साथ मिलकर आंदोलन में शामिल होने की घोषणा माकपा की ओर से की गयी थी. ऐसे आंदोलनों में कांग्रेस भी शामिल है.
हाल ही में होने वाली माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक में कथित तौर पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तालमेल किये जाने के फैसले को गलत फैसला करार दिया गया था. तालमेल को लेकर प्रदेश माकपा के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा लगातार निशाने पर रहे हैं. ऐसे में राज्य में होने वाले वामपंथी आंदोलनों में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के संकेत मिल रहे हैं.
मिश्रा ने गुरुवार को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि माकपा का आंदोलन पार्टी लाइन के हिसाब से ही होगा. माकपा के प्रदेश सचिव से जब पूछा गया कि क्या वे आगामी 25 जून को कांग्रेस की प्रस्तावित रैली में शामिल होंगे, इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से वाम परिषदीय दल के नेताओं को रैली में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था. आधिकारिक तौर पर माकपा को कांग्रेस की ओर से किसी भी रैली में शामिल होने का आमंत्रण नहीं मिला है. यदि आमंत्रण संबंधी कोई पत्र मिलता है तो इस पर पार्टी विचार करेगी.