श्री मन्नान ने विधानसभा स्थित प्रेस कॉर्नर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उच्च न्यायालय के फैसले का वह स्वागत करते हैं. अदालत ने पहले ही इस मामले पर अपनी जांच प्रक्रिया शुरू की है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जांच की घोषणा वास्तव में मामले को टालने की साजिश है.
अदालत पूरे मामले की जांच कर रही है और उन लोगों को अदालत के फैसले पर पूरा विश्वास है, लेकिन तृणमूल नेता की पत्नी की ओर से साजिश के तहत एफआइआर किया गया है. इस एफआइआर का कोई महत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी राज्य सरकार की ओर से सारधा मामले में पुलिस अधिकारी राजीव कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया था और उसकी हकीकत जनता जानती है. अब उसी अधिकारी को फिर से नारदा मामले में जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
उन्होंने कहा कि वास्तव में मुख्यमंत्री लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनका यह प्रयास विफल होगा, क्योंकि राज्य की जनता इस तरह के जांच के आदेश को लेकर मजाक बना रही है. यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री के दोहरे चरित्र को उजागर करता है. इस मामले पर समय-समय पर मुख्यमंत्री का बयान पूरी तरह से विरोधाभासपूर्ण रहा है. यह पूछे जाने पर कि यदि कोलकाता पुलिस नारदा के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल को गिरफ्तार करती है, तो उन लोगों का क्या कदम होगा. उन्होंने कहा कि अदालत पूरे मामले को देख रही है और अदालत उन्हें संरक्षण देगी.