हालांकि उनकी अदालत में किसी मामले में शामिल होने के लिए कोई वकील नहीं पहुंचा. इस संबंध में बार एसोसिएशन के सचिव सुरंजन दासगुप्ता ने बताया कि न्यायाधीश कर्णन ने जिस तरह से सरकारी वकील, उनके सहायक व वकीलों के साथ दुर्व्यवहार किया है. उसके कारण ही उनकी अदालत में वकील नहीं जा रहे हैं.
इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश को भी सूचित किया गया है. आगे के कदम के संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. उल्लेखनीय है कि पोस्ता के विवेकानंद फ्लाईओवर के ढहने के 10 आरोपियों को गत मंगलवार को जमानत देने के संबंध में उनका न्यायाधीश असीम कुमार राय के साथ विवाद हो गया था.