इसके लिए प्रत्येक जिले में एक नया हेल्पलाइन नंबर चालू किया जा रहा है. इस नंबर पर फोन करते ही क्विक रिस्पांस टीम फौरन घटनास्थल पर पहुंच जायेगी. प्राकृतिक आपदा की घटना से निबटने के लिए तेजी से घटनास्थल पर पहुंचने के लिए इस टीम के लिए विशेष वाहन की व्यवस्था की जायेगी. यह अत्याधुनिक वाहन जापान से मंगवाया जा रहा है. आग, भूकंप, तूफान, बाढ़, पहाड़ों का धंसना, नावों का डूबना जैसी घटनाआें में फंसे लोगों को बचाने में इस टीम का इस्तेमाल किया जायेगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वाहिनी को आधुनिक लैडर, अंडर वाटर ड्रेस जैसी जरूरी चीजों से लैस किया जायेगा. केंद्रीय आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण राज्य में प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ रहा है.
इसलिए विशेष सतर्कता के रूप में यह प्रयास किया जा रहा है. क्विक रिस्पांस टीम के लिए प्रत्येक जिले में एक कंट्रोल रूम तैयार किया जायेगा. आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अमित चौधरी ने बताया कि यह परिसेवा दिन भर सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध रहेगी.
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में यह टीम राहत व बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी. श्री चौधरी ने बताया कि जिन जिलों में प्राकृतिक आपदा का अधिक खतरा है, उन जिलों को चिह्नित किया गया है. इन जिलों में रहनेवाले लोगों के मोबाइल नंबर लेकर एक डाटा तैयार किया जा रहा है. मोबाइल फोन पर यहां के लोगों को प्राकृतिक आपदा की पहले से ही चेतावनी देने का प्रयास किया जायेगा. दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, व मालदा जिले में पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्द ही इस परियोजना को आरंभ किया जायेगा. इसके साथ ही छात्रों को सचेत करने के लिए सभी जिलों में स्कूलों में सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.