श्री पाल ने बताया : खड़गपुर में हर कोई मुझे व्यक्तिगत रुप से जानता है और मैं भी उन्हें व्यक्तिगत रुप से जानता हूं. खड़गपुर में मुसलिम और मलयाली मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा रहता है जो परंपरागत रुप से उनके मतदाता रहे हैं. कांग्रेस के अजेय प्रत्याशी को राजनीतिक सीमाओं से परे नेताओं के बीच काफी सम्मान प्राप्त है.
वह पहली बार विधानसभा के लिए 1969 में विजय हुए थे. सिद्धार्थ शंकर रे कैबिनेट में पूर्व परिवहन मंत्री रहे श्री पाल इस बार वाम मोरचा -कांग्रेस गंठबंधन के एक प्रत्याशी के रुप में मैदान में हैं. उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के रामप्रकाश तिवारी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से है. श्री घोष प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं तथा इसी सप्ताह श्री घोष के समर्थन में प्रधानमंत्री चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों इस बार इस सीट पर जीत दर्ज करने को लेकर आशान्वित हैं. श्री घोष ने बताया : मैं इस जिला का बेटा हूं. खड़गपुर में ज्यादा विकास देखने को नहीं मिला. हम इसे बदलना चाहते हैं और खड़गपुर में विकास की एक नयी इबारत लिखना चाहते हैं. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए माकपा और कांग्रेस के बीच के गठबंधन को ‘सिद्धांतहीन’ चरित्र का करार दिया है. पश्चिम मिदनापुर जिला के तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया : राजनीति में भावनाओं का कोई स्थान नहीं है. खड़गपुर के लोग कांग्रेस और माकपा के सिद्धांतहीन गठबंधन को परास्त कर देंगे.