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सत्तारूढ़ दल का नाम लेकर ड्यूटी कटवाने की कोशिश

मालदा. चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए कई सरकारी कर्मचारी सत्तारूढ़ दल की मदद ले रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि विकलांग और अस्पताल में भरती कर्मचारियों को छोड़ चुनाव ड्यूटी से किसी को छुटकारा नहीं मिलेगा. यदि इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, तो कैफियत तलब करके कानून के हिसाब से […]

मालदा. चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए कई सरकारी कर्मचारी सत्तारूढ़ दल की मदद ले रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि विकलांग और अस्पताल में भरती कर्मचारियों को छोड़ चुनाव ड्यूटी से किसी को छुटकारा नहीं मिलेगा. यदि इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, तो कैफियत तलब करके कानून के हिसाब से कदम उठाये जायेंगे.

उल्लेखनीय है कि हर चुनाव में सरकारी कर्मचारियों का एक हिस्सा चुनाव ड्यूटी कटवाने की कोशिश करता है. यहां तक कि कुछ कर्मचारी चुनाव संबंधी प्रशिक्षण से भी लापता रहते हैं. ऐसे कर्मचारियों को सिर्फ शो-कॉज नोटिस देकर छोड़ दिया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मालदा के कई सरकारी कर्मचारी शनिवार को कोलकाता में हो रहा भारत-पाकिस्तान मैच देखने जा रहे हैं. उस दिन चुनाव संबंधी ट्रेनिंग है. प्रशासन का अनुमान है कि इसमें कर्मचारियों की उपस्थिति कम रहेगी. जिला प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यदि कोई सिर्फ अपनी सुविधा के लिए ड्यूटी से बचना चाहेगा, तो ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. यदि कोई समुचित कारण के चलते ड्यूटी करने में सक्षम नहीं है, तो चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार निर्णय लिया जायेगा.

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इस साल मालदा जिले की 12 विधानसभा सीटों के लिए लगभग 13 हजार चुनावकर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है. जिले के कुल 2446 बूथों में से 51 बूथ महिलाओं द्वारा संचालित किये जायेंगे. महिलाओं द्वार संचालित ज्यादातर बूथ इंगलिशबाजार और मालदा विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे. पहली बार मालदा में महिलाओं द्वारा बूथ संचालित किया जायेगा. हर बूथ पर एक पीठासीन अधिकारी, एक प्रथम निर्वाचन अधिकारी, एक द्वितीय निर्वाचन अधिकारी और 4 चुनाव कर्मी तैनात रहेंगे. एक हजार चुनाव कर्मी रिजर्व में रहेंगे. चुनाव ड्यूटी से छूट केवल विकलांग, अस्पताल में भरती और मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार गंभीर रूप से बीमार कर्मचारियों को मिलेगी.

जिला प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव के समय यह देखा जाता है कि बहुत से कर्मचारी सत्तारूढ़ दल में अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर चुनाव ड्यूटी कटवाने की कोशिश करते हैं. कुछ तो सीधे-सीधे खुद को पार्टी का आदमी बताकर ड्यूटी से छूट चाहते हैं. ये लोग उन कर्मचारियों को नहीं देखते जो नियम का पालन करते हुए ट्रेनिंग लेते हैं और ड्यूटी करते हैं. बहुत से कर्मचारी स्वस्थ रहते हुए भी, कामचोरी की वजह से ड्यूटी कटवाने की कोशिश करते हैं. यह अच्छी बात नहीं है. इस संबंध में जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने कहा कि चुनाव कर्मियों को लेकर कोई समस्या नहीं है. चुनाव ड्यूटी कटवाने की कोशिशों की संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक हम काम करते हैं.

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