कोलकाता: सार्वजनिक स्थानों पर चोरी-चुपके संगीत बजाना अब संभव नहीं होगा. किसी भी म्यूजिकल इवेंट के लिए पहले लाइसेंस नहीं लिया, तो इसके लिए जुर्माना व जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. किसी भी सार्वजनिक स्थान या वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में किसी भी स्वरूप में संगीत बजाने के लिए पब्लिक परफॉर्मेस लाइसेंस लेना आवश्यक है. आइपीआरएस के प्रतिनिधि अब इस काम में सक्रियता से जुट गये हैं.
इसके लिए द इंडियन परफॉर्मिग राइट सोसायटी लिमिटेड (आइपीआरएस) का गठन किया गया है, जो भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रलय के अधीन 33-3 कॉपीराइट्स एक्ट के तहत पंजीकृत है.
आइपीआरएस भारत सरकार द्वारा गठित कॉपीराइट प्रवर्तन सलाहकार परिषद का सदस्य भी है.
आइपीआरएस ने इवेंट ऑर्गेनाइजर्स, होटल प्रबंधन, बार, पब को अवगत करा दिया है, ताकि क्रिसमस पार्टी, न्यू ईयर पार्टी या अन्य रंगारंग कार्यक्रमों में बजनेवाले संगीत को लेकर इवेंट आयोजक सजग रहें, अन्यथा नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ काफीराइट एक्ट 1957 की सेक्शन 51 के तहत दो लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल तक की सजा हो सकती है. यह जानकारी आइपीआरएस के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख अभिषेक बसु ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी है.