कोलकाता. सिंगुर में वाममोरचा सरकार ही कारखाना लगा सकती है. इतना ही नहीं नयाचर, रघुनाथपुर व शालबनी में भी कारखाना स्थापना के साथ वहां औद्योगिक विकास वामपंथी सरकार कर सकती है. रविवार को ब्रिगेड सभा के दौरान सिंगुर का मसला उठाते हुए यह बात राज्य में माकपा के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कही. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार के औद्योगिक नीतियों पर भी कटाक्ष किया. कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आते ही सिंगुर के अनिच्छुक किसानों की जमीन वापस दे दी जायेगी, जिसका अधिग्रहण नैनो कार परियोजना के लिए किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लोगों को जमीन भी वापस नहीं मिली और कारखाना भी स्थापित नहीं हुआ.
मिश्रा ने दावा किया कि वामपंथी सत्ता ही सिंगुर में कारखाने की स्थापना के साथ लोगों को रोजगार दिला सकती है. आरोप के अनुसार तृणमूल सरकार की नीति औद्योगिक विकास विरोधी है.
यही वजह है कि तृणमूल के सत्ता में रहने के दौरान राज्य में नये कल-कारखानों की स्थापना नहीं हो पायी. जो कारखाने व जूट मिलें खुले थे, वे भी बंद हो रहे हैं. अगले वर्ष होने वाले प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए माकपा नेता ने अगले महीने से सत्तारूढ़ दल के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने का आह्वान किया है. इसके तहत आगामी 12 जनवरी को सारधा चिटफंड के खिलाफ वामपंथी सीजीओ कांप्लेक्स स्थित सीबीआइ कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही 28 जनवरी को प्रत्येक जिलों के प्रशासनिक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.