कोलकाता : एचआइवी छुआछूत की बीमारी नहीं है. एचआइवी पॉजेटिव लोगों के प्रति हमारे सोच के नजरिये को बदलना होगा. इसके विषय में जागरूकता फैलाने के लिए एक चिकित्सक के बजाय शिक्षक की जरूरत है. एक शिक्षक ही समाज को इस बीमारी के विषय में जागरूक कर सकता है.
ये बातें स्वास्थ्य व कानून राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहीं. वह रविवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर वेस्ट बंगाल स्टेट एड्स एंड प्रीवेंसन सोसाइटी की ओर से स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थी.
इस दौरान मंत्री ने बताया कि 293 इंटीग्रेट काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आइसीटीसी), 30 लिकिंग सेंटर व एआरटी सेंटर हैं. इस बीमारी के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए राज्य में लगभग 366 रेड रिबन क्लब चालू किये गये हैं. आनेवाले समय में इनकी संख्या बढ़ा कर लगभग 400 करने की योजना है.
मंत्री ने बताया कि एचआइवी का मतलब केवल मौत नहीं है. दवा के जरिये इस रोग पर नियंत्रण रखा जा सकता है. कार्यक्रम में डायरेक्टर ऑफ हेल्थ सर्विसेस विश्व रंजन सत्पथी सहित कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्र व स्वास्थ्य भवन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.