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निजी अस्पतालों पर नकेल लगाने की तैयारी शुरू

जलपाईगुड़ी. बुधवार को जलपाईगुड़ी के बाबू पाड़ा इलाके के एक निजी अस्पताल में एक रोगी की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ था़ मृतक के परिजनों व स्थानीय लोगों ने अस्पताल में तोड़-फोड़ की थी़ इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन को जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में बुलाया गया है. इधर, शहर विभिन्न निजी […]

जलपाईगुड़ी. बुधवार को जलपाईगुड़ी के बाबू पाड़ा इलाके के एक निजी अस्पताल में एक रोगी की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ था़ मृतक के परिजनों व स्थानीय लोगों ने अस्पताल में तोड़-फोड़ की थी़ इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन को जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में बुलाया गया है.

इधर, शहर विभिन्न निजी अस्पतालों के विरूद्ध लोगों द्वारा कइ तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं. बुधवार की घटना की बाद शहर के निजी अस्पतालों व पैथालॉजी व जांच केंद्रों में कार्यरत नर्स या कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी सवालिया निशान लग गया है़ जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश मृधा के अनुसार जिले के निजी अस्पतालों में व जांच केंद्रो में काम करने वाले कर्मचारियों व नर्स को उपयुक्त प्रशिक्षण नहीं दिया गया है़ इसी वजह से इस तरह की समस्या सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि इन सभी विषयों पर लिखित शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कार्यवायी की जायेगी. इसके अतिरिक्त क्लिनिकल स्टेबलिस्टमेंट कानून के तहत जो लाइसेंस दिया जाता है वह निजी अस्पतालों के पास है या नहीं इसकी भी जांच की जायेगी.

बाबू पाड़ा इलाके में स्थित उस निजी अस्पताल की ओर से खोकन बनर्जी ने बताया कि सरकारी नियमानुसार जो कागजात एवं कर्मचारी होने चाहिये, वह सब है अस्पताल के पास है. बुधवार की घटना के बाद आरोपी नर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

उल्लेखनीय है कि बुधवार को जलपाईगुड़ी नगरपालिका के 9 नंबर वार्ड के निवाली फजरूल इस्लाम की एक निजी अस्पताल में मौत हो गयी थी़ मृतक के परिवार का दावा है कि समय पर सही ब्लड ग्रुप की जानकारी अस्पताल की ओर से दी गयी होती तो फजरूल की जान बचाई जा सकती थी. परिजनों ने कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज करायी है़

शहर के नागरिकों के आरोप के मुताबिक शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों में कार्यरत नर्स या अन्य कर्मचारी छह महीने एवं एक वर्ष का डिप्लोमा कर नौकरी पर लग जाते हैं.कम वेतन पर अस्पताल वाले उन्हें काम पर भी रख लेते हैं.

जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश मृधा ने बताया कि गैर सरकारी नर्सिंग ट्रेनिंग संस्था द्वारा दिये गये प्रमाण पत्र को स्वास्थ्य विभाग कभी मान्यता नहीं देती. इस आधार पर सभी निजी अस्पतालों में गैर कानूनी रूप से नर्सों को नियुक्त किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कानून के तहत सभी शर्तों को पूरा करने के लिये जिले के सभी निजी अस्पतालों को एक महीने का समय दिया गया है. एक महीने के बाद सभी निजी अस्पतलों के साथ बैठक कर गैरकानूनी पाये गये सभी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाइ की जायेगी. जलपाईगुड़ी नगरपालिका प्रधान मोहन बसु ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना नगरपालिका की ओर से अस्पतालों को लाईसेंस नहीं दिया जायेगा.

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