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लेकटाउन के आइसी को कोर्ट की फटकार
कोलकाता : वधू हत्या मामले में कई बार अदालत से समन भेजे जाने के बावजूद लेकटाउन थाने के आईसी सुप्रिय दास अलीपुर अदालत में गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं होते थे. वे कोई न कोई बहाना बना कर टाल जाते थे. शनिवार को अलीपुर अदालत के अष्टम अतिरिक्त जिला व दायरा न्यायाधीश सिद्धार्थ कांजीलाल […]
कोलकाता : वधू हत्या मामले में कई बार अदालत से समन भेजे जाने के बावजूद लेकटाउन थाने के आईसी सुप्रिय दास अलीपुर अदालत में गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं होते थे. वे कोई न कोई बहाना बना कर टाल जाते थे. शनिवार को अलीपुर अदालत के अष्टम अतिरिक्त जिला व दायरा न्यायाधीश सिद्धार्थ कांजीलाल के समक्ष उपस्थित होने पर उन्हें फटकार मिली.
कोर्ट ने कहा कि आइसी आत्मसमर्पण करके लिखित रूप से क्षमा मांगे अन्यथा उन्हें हिरासत में ले लिया जायेगा. न्यायाधीश के आदेश को सुन कर आइसी सुप्रिय दास ने अपने अधिवक्ता श्यामादास गंगोपाध्याय के माध्यम से क्षमा मांगी. न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि आखिर क्या वजह थी कि बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद वे अदालत में उपस्थित नहीं होते थे. उपस्थित नहीं होने का उद्देश्य क्या था?
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2003 में ठाकुरपुकुर इलाके में एक गृहवधू की हत्या के मामले की जांच में वह जांच अधिकारी थे. इस घटना में मृतका के पति को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
इसके बाद दिन पर दिन कोर्ट में मामला चलता रहा. इस केस के सभी गवाहों की गवाही शेष हो गयी थी, लेकिन आइसी कोर्ट में कभी हाजिर ही नहीं होते थे. इस कारण मामले की सुनवायी रुक गयी थी. 15 दिसंबर को वह अदालत में उपस्थित हुए. इसके बाद न्यायाधीश ने उन्हें कोर्ट में खड़ा कराके कर जम कर फटकार लगायी.
फटकार लगाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि क्या उन्हें गिरफ्तार करके लाना होगा? यह सुनते ही आइसी ने कहा कि ड्यूटी की वजह से वह उपस्थित नहीं हो सके. यह सुनते ही न्यायाधीश ने कहा कि वे लिखित रूप से यह स्पष्ट करे कि इतने दिनों तक वह कहां और क्या ड्यूटी कर रहे थे. हालांकि आइसी के वकील ने कहा कि उन्होंने क्षमा मांग ली है.
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