इस दर्द भरी कहानी को सुनाते हुए कानपुर की रहनेवाली 12 साल की चांदनी खातून की आखें छलछला गयीं. 30 जनवरी को वह नयी दिल्ली-हावड़ा पूर्वा एक्सप्रेस से हावड़ा स्टेशन पहुंची थी. हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसने अपनी दर्द भरी कहानी हावड़ा चाइल्ड लाइन कर्मियों को बतायी. चाइल्ड लाइन कर्मियों ने चांदनी को हावड़ा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर लावारिस घूमते हुए पाया था. उन्होंने इसकी जानकारी हावड़ा रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस को दी. हावड़ा जीआरपी में मामला दर्ज करने के बाद लड़की को हावड़ा चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया. फिलहाल चांदनी हावड़ा के लिलुआ स्थित महिला होम में है.
चाइल्ड लाइन हावड़ा से मिली जानकारी के अनुसार, चांदनी कानपुर रेलवे स्टेशन इलाके के शुक्लागंज की रहनेवाली है. वह स्टेशन इलाके में अपने पिता और दादी के साथ रहती थी, जबकि मां अफसाना बेगम पिता से तलाक के बाद अलग रहती है. चांदनी का कहना है कि मां के जाने के बाद पिता उसे काफी मारता था, लेकिन दादी उसे प्यार करती थी. चांदनी ने यह भी बताया कि उसके पिता उससे गलत काम करने को भी कहता था. हावड़ा रेलवे चाइल्ड लाइन की को-ऑर्डिनेटर आदिति दास ने बताया कि चांदनी खातून जब हमें मिली, तो वह काफी ड़री-सहमी थी. वह अपने पापा को खोज रही थी. उसने बताया कि उसके पिता उसे काफी मारते थे. हमने कागजी कार्यवाही करने के बाद उसे लिलुआ महिला होम में भेज दिया है.