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नैहाटी की हुकुमचंद जूट मिल खुली

कोलकाता. काफी जद्दोजहद और हंगामे के बाद नैहाटी के हाजीनगर स्थित हुकुमचंद जूट मिल आखिरकार खुल गयी. हालांकि मिल का एक नंबर हसियां तांत विभाग अब भी बंद है. मिल खुलने से श्रमिकाें के एक वर्ग में खुशी है, जबकि आंदोलनरत श्रमिकों में भारी नाराजगी देखी गयी. मिल खुलने के पहले दिन काम पर श्रमिकों […]

कोलकाता. काफी जद्दोजहद और हंगामे के बाद नैहाटी के हाजीनगर स्थित हुकुमचंद जूट मिल आखिरकार खुल गयी. हालांकि मिल का एक नंबर हसियां तांत विभाग अब भी बंद है. मिल खुलने से श्रमिकाें के एक वर्ग में खुशी है, जबकि आंदोलनरत श्रमिकों में भारी नाराजगी देखी गयी. मिल खुलने के पहले दिन काम पर श्रमिकों की संख्या काफी कम रही. एक नंबर हसियां तांत विभाग बंद रहने से अब भी यहां काम करने वाले लगभग 1500 श्रमिक बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.


प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह लगभग आठ बजे मिल प्रबंधन की ओर से आंदोलन कर रहे श्रमिकों को पहले आंदोलन समाप्त करने के लिए समझाया गया. श्रमिकों ने जब बात मानने से इनकार कर दिया, तो पुलिस की मदद से उन्हें वहां से हटा दिया गया. इसके लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा, जिसमे 16 श्रमिक घायल हुए और पांच श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया. इस घटना के बाद इलाके में घंटों तनाव की स्थिति बनी रही.

मजदूर एकता मंच के नेता अजय सिंह ने मिल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन काफी दिनों से बाहरी लोगों की मदद से हमारे आंदोलन को तोड़ने की फिराक में लगा था आैर आज उसमें वह सफल भी हो गया. प्रबंधन मिल खोलने के विषय में एक दिन पहले नोटिस देकर श्रमिकों को बता सकता था. इससे इतना हंगामा नहीं होता.

इंटक नेता मास्टर निजाम ने बताया कि श्रमिक मिल खोलने के पक्ष में थे. मिल खुलने से श्रमिकों में खुशी है. सोमवार से यहां सुचारू रूप से काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के मिल खोलने के विषय में बताया कि मिल प्रबंधन की ओर से बंद नहीं की गयी थी. श्रमिकों ने खुद काम पर आना बंद कर दिया था. मिल की जिस यूनिट में सस्पेंशन आॅफ वर्क का नोटिस लगा है, वह आज भी बंद है. उसे खोलने को लेकर बातचीत चल रही है.

दूसरी ओर, प्रबंधन का आरोप है कि कुछ श्रमिक मिल में हो रहे आधुनिकीकरण के खिलाफ हैं. वे अन्य श्रमिकों को भड़का कर मिल बंद रखना चाहते हैं. एपीडीआर के राज्य उपाध्यक्ष रंजीत सूर ने आंदोलन कर रहे श्रमिकों का जबरन आंदोलन समाप्त कराने और एकता मंच के सुशील ठाकुर को गिरफ्तार किये जाने की कड़ी निंदा की है. उन्होंने गिरफ्तार श्रमिकों शीघ्र छोड़ने की मांग की. उल्लेखलीय हैं 30 अक्तूबर को श्रमिक असंतोष के कारण मिल की एक यूनिट बंद कर दी गयी थी. उसके तीन दिनों बाद मिल में आधुनिक मशीन लगाये जाने के खिलाफ आंदोलनरत श्रमिकों का साथ देते हुए मिल के सभी श्रमिकों ने काम बंद कर दिया था. इस कारण प्रबंधन को मिल बंद करना पड़ा था.

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