हावड़ा. हावड़ा जूट मिल को बंद करने का प्रबंधन फिर तैयारी कर रहा है. बुधवार को अचानक प्रबंधन ने श्रमिक संगठनों के साथ बैठक कर मिल चलाने में असमर्थता जता दी. हालांकि उसने मिल को बंद करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
मिल चलाने में प्रबंधन के असमर्थता व्यक्त करने पर श्रमिकों ने हावड़ा हाउस के समक्ष दिन भर प्रदर्शन किया. दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक श्रमिकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. श्रमिक संगठनों ने मिल प्रबंधन पर मिल जबरन बंद करने का आरोप लगाया, जबकि मिल प्रबंधन का कहना है कि पाट उपलब्ध नहीं होने के कारण मिल को चला पाना संभव नहीं है. इस मुद्दे को लेकर बुधवार को दिन भर काम बंद रहा.
पूजा के पूर्व मिल में तालाबंदी की आशंका को लेकर श्रमिकों में भारी नाराजगी है. आइएनटीटीयूसी के नेता फूल मोहम्मद (डोमा) ने बताया कि नौ अक्तूबर को मिल खुलने के बाद उत्पादन सामान्य था, लेकिन बुधवार को प्रबंधन ने अचानक चार श्रमिक यूनियनों, आइएनटीटीयूसी, आइएनटीसीयू, सीटू व जूट फडरेशन के साथ बैठक करने का निर्णय लिया. हावड़ा हाउस में लगभग एक घंटे तक चली बैठक के दौरान मिल प्रबंधन ने पाट नहीं मिलने के कारण मिल चलाने में असमर्थता जतायी. इसका श्रमिक यूनियनों ने संयुक्त रूप से तीव्र विरोध किया. यूनियनों ने मिल प्रबंधन पर मिल नहीं चलाने की बहानाबाजी करने का आरोप लगाया. श्रमिक नेता डोमा ने आरोप लगाया कि असल में प्रबंधन मिल चलाने के पक्ष में नहीं है. यही कारण है कि वह पाट नहीं मिलने की बहानाबाजी कर रहा है. आसपास की सभी मिलों में सामान्य रूप से पाट उपलब्ध है.
उन्होंने मिल पर श्रमिकों के पीएफ का लगभग 15 करोड़ रुपये, इएसआइ का लगभग आठ करोड़ व बिजली बिल का लगभग नौ करोड़ रुपये बकाया होने की बात कही.