अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्रीय टीम के सदस्यों ने आज भूस्खलन प्रभावित विभिन्न इलाकों का दौरा किया. यह सभी लोग भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं. आज यह लोग मिरिक के नजदीक लिंबू गांव गये. भूस्खलन से सबसे अधिक तबाही यही हुई थी. करीब तीन दर्जन से भी अधिक लोग यहां मारे गये थे. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने मिरिक म्यूनिसिपलटि का भी दौरा किया और नगर निगम के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. उसके बाद यह लोग गाड़ीधूरा के नजदीक रक्तिखोला ब्रीज गये. भूस्खलन की वजह से रक्तिखोला ब्रीज पूरी तरह से तबाह हो गया था. वहां अस्थायी तौर पर पुल का निर्माण किया गया है. इसी अस्थायी पुल से मिरिक और सिलीगुड़ी के बीच वाहनों की आवाजाही हो रही है. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक भी की. जिलाधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि भूस्खलन से हुई तबाही तथा नुकसान का पूरा ब्यौरा केंद्रीय टीम को दिया गया है. यह लोग अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपेंगे.
श्री श्रीवास्तव ने आगे बताया कि कल रविवार को इस केंद्रीय टीम के सदस्य कालिंपोंग के दौरे पर जायेंगे. उनके साथ वहां के एडीएम यू स्वरुप भी उपस्थित रहेंगे. बाद में टीम के सदस्य जिला प्रशासन, पी डब्ल्यूडी तथा जीटीए के अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में एक बैठक करेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले मिरिक तथा कालिंपोंग के कई इलाकों में भूस्खलन ने भारी तबहाी मचायी थी. खास कर लिंबू गांव का करीब करीब असित्व ही खत्म हो गया है. भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है. उस भूस्खलन में करीब 44 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि दर्जनों घर तबाह हो गये थे.