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अब मेयर का ध्यान गया वार्ड की निकासी व्यवस्था पर
कोलकाता : महानगर में जलजमाव की समस्या कोई नयी नहीं है. दशकों से शहरवासी इस मुसीबत को ङोल रहे हैं, पर सबसे बुरा हाल तो कोलकाता नगर निगम के एडेड इलाकों का है.बेहला, गार्डेनरीच, कस्बा व यादवपुर के इलाके काफी बाद में कोलकाता नगर निगम में शामिल हुए. इन इलाकों को एडेड एरिया कहा जाता […]
कोलकाता : महानगर में जलजमाव की समस्या कोई नयी नहीं है. दशकों से शहरवासी इस मुसीबत को ङोल रहे हैं, पर सबसे बुरा हाल तो कोलकाता नगर निगम के एडेड इलाकों का है.बेहला, गार्डेनरीच, कस्बा व यादवपुर के इलाके काफी बाद में कोलकाता नगर निगम में शामिल हुए. इन इलाकों को एडेड एरिया कहा जाता है. इसमें मेयर शोभन चटर्जी का वार्ड 131 भी शामिल है. थोड़ी सी बारिश होते ही पूरे बेहला इलाके का हालत बदहाल हो जाता है.
मेयर का वार्ड भी इस समस्या से अलग नहीं है. पिछले 30 वर्ष से पार्षद और पांच वर्ष से अधिक समय से कोलकाता के मेयर रहे शोभन चटर्जी को अब जा कर अपने इलाके की निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने का ख्याल आया है. इस मकसद से गुरुवार को उन्होंने अपने इलाके में स्थित बेहला फ्लाइंग क्लब, जिंजिरा बाजार निकासी पंपिंग स्टेशनों का दौरा किया.
श्री चटर्जी ने बताया कि प्रत्येक पंपिंग स्टेशन में निकासी की दो पाइप लाइन होती हैं, एक से बारिश का पानी निकाला जाता है, तो दूसरी पाइप लाइन गंदे पानी को फेंकता है, पर उनके वार्ड में दोनों ही काम एक ही पाइप लाइन से होता है. फलस्वरूप अधिक बारिश होने पर एकमात्र पाइप लाइन के लिए पानी निकालना संभव नहीं हो पाता है और इलाके में जलजमाव हो जाता है.
इस निकासी व्यवस्था को एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से केइआइपी ने 1995-2000 में बनाया था. मेयर ने केइआइपी को फौरन इलाके की निकासी व्यवस्था को ठीक करने की हिदायत की है. मजे की बात यह है कि जिस समय इस निकासी व्यवस्था को बनाया गया था, उस समय श्री चटर्जी ही इलाके के पार्षद थे.
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