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बंगाल व ओड़िशा में भारी बारिश, चक्रवात ‘कोमेन’ बांग्लादेश के तट तक पहुंचा

कोलकाता/नयी दिल्ली : चक्रवाती तूफान ‘कोमेन’ गुरुवार शाम बांग्लादेश के तट पर पहुंच गया जिस वजह से पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भारी बारिश हो रही है. दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग व उत्तर 24 परगना के हाबरा में भारी बारिश व तेज हवा चल रही है. मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है […]

कोलकाता/नयी दिल्ली : चक्रवाती तूफान ‘कोमेन’ गुरुवार शाम बांग्लादेश के तट पर पहुंच गया जिस वजह से पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भारी बारिश हो रही है. दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग व उत्तर 24 परगना के हाबरा में भारी बारिश व तेज हवा चल रही है.
मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि बांग्लादेश में बारिश के बाद यह तूफान पश्चिम-उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ जायेगा और धीरे-धीरे कमजोर हो जायेगा. आइएमडी के चक्रवात चेतावनी संभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया: अधिकांश स्थानों पर बारिश होगी, कुछ स्थानों पर मूसलधार बारिश होगी और 30-31 जुलाई को पश्चिम बंगाल के गंगेय क्षेत्र के दूर-दराज के स्थानों पर अत्यधिक बारिश होगी.
एक अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश होगी. उन्होंने बताया कि 30 और 31 जुलाई को उत्तर-पूर्वी राज्यों के मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण असम के अधिकांश स्थानों पर बारिश होगी और दूर-दराज वाले स्थानों पर तेज बारिश होगी. महापात्र ने कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल और ओड़िशा से तटों के आसपास 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी जो 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच सकती है.
उन्होंने कहा : आज शाम से शुरू होकर अगले 24 घंटों के दौरान मिजोरम और त्रिपुरा में एवं पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाके में शुक्रवार सुबह से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी.
मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर की उच्चस्तरीय बैठक
कोलकाता : लंदन दौरे से कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचने के साथ ही चक्रवात से निपटने व राहत कार्यो के लिए उठाये गये कदमों की मुख्यमंत्री ममता ने समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर ही राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बाद में सीएम ने बताया कि चक्रवात से राज्य में 26 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. इन लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
चक्रवात व भारी बारिश से प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना ही राज्य सरकार की प्राथमिकता है. चक्रवात से राज्य के कई जिलों में नुकसान हुआ है. उन सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है.
इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों के लिए उन्होंने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर 1070 जारी किया है, जिस पर फोन कर पीड़ित मदद के लिए आवेदन कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने बंगाल में एक के बाद एक प्राकृतिक आपदा के प्रति दुख जताते हुए कहा कि प्रकृति पर किसी का जोर नहीं है, सरकार सिर्फ राहत बचाव कार्य ही कर सकती है.
बंगाल में जब चक्रवाती तूफान की बात सामने आयी तो वह लंदन दौरा छोड़ कर बंगाल लौट आयीं और बंगाल की धरती पर उतरते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर ही अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत व बचाव कार्य के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है. बंगाल में कई जिलों में बाढ़ की परिस्थिति बन गयी है और इससे निबटने के लिए सिविल डिफेंस व आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी हर संभव प्रयास में जुटे हैं.
प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्रियों को पहुंचाया जा चुका है और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने राज्य के समुद्र तटवर्ती क्षेत्र में रहनेवाले लोगों व मछुआरों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी है.

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