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खुले नालों से खतरा : पार्षद

बस्ती विभाग का फंड बढ़ाने का परामर्शकोलकाता. महानगर की सौंदर्यीकरण परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन अभी भी यहां के एक बड़े हिस्से में खुले नाले हैं. इनमें गार्डेनरीच का इलाका भी है. निगम के वार्ड एक से छह तक के इलाकों में लगभग अधिकतर नाले खुले हुए हैं. चुनाव से […]

बस्ती विभाग का फंड बढ़ाने का परामर्शकोलकाता. महानगर की सौंदर्यीकरण परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन अभी भी यहां के एक बड़े हिस्से में खुले नाले हैं. इनमें गार्डेनरीच का इलाका भी है. निगम के वार्ड एक से छह तक के इलाकों में लगभग अधिकतर नाले खुले हुए हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल में शामिल हुईं छह नंबर वार्ड की पार्षद सुमन सिंह का कहना है कि वह इस विषय को काफी दिनों से निगम प्रशासन के सामने उठा रही हैं, लेकिन आज तक खुले नालों को ढकने व बंद करने की कोई कोशिश नहीं की गयी. खुले हुए नाले न केवल लोगों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि जलजमाव की स्थिति में ये नाले अपने साथ गंदगी का ढेर लेकर आते हैं, जिससे बेहद परेशानी होती है. बीटी रोड के दोनों ओर स्थित खुले नालों की हालत और भी खतरनाक है. श्रीमती सिंह का कहना है कि यह केवल उनके वार्ड का नहीं, एक से छह नंबर वार्ड की समस्या है, लेकिन अन्य वार्ड के पार्षद इस बारे में मुंह खोलने से कतराते हैं. इन छह वाडार्ें की बस्तियों में निगम द्वारा बनाये गये शौचालय भी एक बड़ी समस्या हैं. श्रीमती सिंह के अनुसार, ये शौचालय पुराने तर्ज पर बनाये गये हैं, जिसके कारण कुछ ही दिनों में वे खराब हो जाते हैं. एक से छह नंबर वार्ड में अधिकतर बस्तियां हैं, जहां एक-एक शौचालय में 100 से अधिक लोग जाते हैं. श्रीमती सिंह का कहना है कि महानगर की एक तिहाई आबादी बस्तियों में रहती है. लगभग पांच हजार छोटी-बड़ी बस्तियां हैं, जिनके विकास के लिए बस्ती विभाग का फंड और बढ़ाया जाना चाहिए.

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