श्री श्याम मंदिर आलमबाजार में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञकोलकाता. पुरुषोत्तम मास के अवसर पर श्री श्याम मंदिर आलमबाजार के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ. इस कार्यक्रम में कथा व्यास श्रद्धेय श्री सुदामा जी महाराज (वृंदावन धाम) ने अपनी ओजस्वी वाणी में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों का भागवत कथा के प्रथम व दूसरे दिन अमृत रसपान कराते हुए कहा कि संत की पहचान उसके कपड़े, उसके तिलक, उसके शिष्यों की संख्या या उसके आश्रम आदि से नहीं बल्कि उसके आचरण एवं संतोष सुख से होती है. मनुष्य के कर्मों के परिणाम स्वरूप उसको फल मिलता है और इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गाड़ी बनाता कोई और है उसे खरीदता कोई और है तथा उसमें बैठने का सहज आनंद किसी और को मिलता है. इसी प्रकार यदि मनुष्य सदैव अपने सत्कर्म के प्रति अग्रसर रहे तो ईश्वर कृपा के साथ-साथ कर्मानुसार सुख-समृद्धि एवं प्रभु आनंद कृपा सहज ही प्राप्त कर सकता है. इस मौके पर रामकृष्ण दिनोदिया, सुरेश अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, श्रवण कुमार धानुका, प्रयागराज बंसल, हुकुमचंद गुप्ता, कैलाश चौधरी एवं अन्य मौजूद थे. मंदिर के ट्रस्टी गोविंद मुरारी अग्रवाल ने अतिथियों का अभिनंदन किया.
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संत की पहचान उसके कपड़ों से नहीं होती : सुदामा जी महाराज
श्री श्याम मंदिर आलमबाजार में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञकोलकाता. पुरुषोत्तम मास के अवसर पर श्री श्याम मंदिर आलमबाजार के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ. इस कार्यक्रम में कथा व्यास श्रद्धेय श्री सुदामा जी महाराज (वृंदावन धाम) ने अपनी ओजस्वी वाणी में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों का भागवत कथा के […]
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