वर्तमान में राज्य में 1.25 लाख सिविक पुलिस वॉलेंटियर हैं. इन प्रतिदिन के काम के आधार पर 141.82 रुपये पारिश्रमिक मिलता है. इसमें राज्य सरकार का छह माह में 212 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ये सिविक पुलिस कोलकाता पुलिस के साथ मिल कर ट्रैफिक नियंत्रण का काम करते हैं. जिलों में भी जिला पुलिस के साथ मिल कर ट्रैफिक नियंत्रण का काम करते रहे हैं.
अपनी नौकरी का स्थायीकरण करने की मांग को लेकर एसोसिएशन ऑफ सिविक पुलिसकर्मी पहले भी आंदोलन कर चुके हैं तथा व मंत्री को ज्ञापन भी दिया था. इन लोगों का आरोप है कि उन लोगों को वर्ष में 150 दिनों से अधिक का काम नहीं मिलता है, हालांकि वे लोग बहुत ही ईमानदारी से काम करते हैं. उनका कहना है कि उन लोगों को पीएफ और अन्य सुविधाएं भी मिलती है. मृत्यु होने तथा दुर्घटना होने पर उनके सहयोगी को न तो मेडिकल और न ही वित्तीय मदद सरकार की ओर से की जाती है.