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सारधा घोटाला : सुदीप्त सेन का सहयोगी बुम्बा गिरफ्तार

सारधा घोटाले में कार्सियांग से सियालदह लौटते ही हुआ गिरफ्तार कोलकाता : सारधा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने सारधा समूह के प्रमुख और इस घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन के करीबी सहयोगी माने जाने वाले अरिंदम दास उर्फ बुम्बा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार सुबह उसे […]

सारधा घोटाले में कार्सियांग से सियालदह लौटते ही हुआ गिरफ्तार
कोलकाता : सारधा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने सारधा समूह के प्रमुख और इस घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन के करीबी सहयोगी माने जाने वाले अरिंदम दास उर्फ बुम्बा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार सुबह उसे सियालदाह स्टेशन से दबोचा गया. कार्सियांग से सियालदह लौटते ही गुप्त जानकारी के आधार पर सीबीआइ ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआइ अधिकारी कंचन प्रसाद ने कहा कि अरिंदम दास सारधा ग्रुप के निदेशक सुदीप्त सेन का काफी करीबी सहयोगियों में से एक था और दक्षिण 24 परगना के विभिन्न इलाकों में सारधा के प्रमुख एजेंट के तौर पर धंधा फैला रखा था. बारुईपुर में एक दफ्तर के प्रबंधक के तौर पर वह कार्यरत था. सारधा के अवैध जमा संग्रह कारोबार को विस्तार देने में इसने अहम भूमिका निभायी थी.
बारुईपुर, सोनारपुर, कैनिंग, आरामबाग, दुबराजपुर, श्रीरामपुर, चांदीतला, चंद्रनगर, दुर्गापुर और राज्य के कई अन्य थानों में चिटफंड घोटालों के संबंध में दर्ज प्राथमिकियों में इसका नाम शामिल है. शुरुआत में सारधा धोखाधड़ी की जांच के दौरान बारुईपुर थाने की पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से वह जमानत पर रिहा था. मामले की जांच का भार सीबीआइ द्वारा अपने हाथ में लेने के बाद से दो से तीन बार इसे सीबीआइ दफ्तर में बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है.
गत एक वर्ष से वह राज्य से भाग कर दूसरे राज्य में छिपा था. मंगलवार को कार्सियांग से सियालदह लौटने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सारधा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी और राज्य सरकार से सीबीआइ को हर प्रकार की मदद मुहैया कराने को कहा है. सीबीआइ ने संयुक्त निदेशक राजीव सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया है जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की भूमिका की भी जांच करेगा.
न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अध्यक्षता में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने अपने आदेश में कहा था, ‘अभी तक की गयी जांच सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और आरबीआइ के अधिकारियों जैसे नियामक अधिकारियों की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाती है जिनके अधिकार क्षेत्रों और संचालन के क्षेत्रों में न केवल घोटाला हुआ बल्कि वह बिना किसी रकावट के फला फूला.’
कई प्रभावशाली लोगों को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है
सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन, उसकी सहयोगी देबयानी मुखर्जी, तृणमूल से निलंबित सांसद कुणाल घोष, सोमनाथ दत्ता, मनोज नागेल, अरविंद चौहान, देबब्रत सरकार उर्फ नीतू, पूर्व आइपीएस अधिकारी रजत मजूमदार, पूर्व तृणमूल सांसद सृंजय बोस, राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह, शिव नारायण दास व अरिंदम सेन उर्फ बुम्बा को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है. इनमें कई जमानत पर हैं. परिवहन मंत्री मदन मित्र अभी भी जेल में बंद हैं.

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