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हाइकोर्ट में मामला दायर करेंगे तृणमूल विधायक
सिउड़ी जल परियोजना कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किये गये सिउड़ी के विधायक स्वपन कांति घोष सिउड़ी जल परियोजना पूरी न होने पर कलकत्ता हाइकोर्ट में बुधवार को जनहित याचिका दायर करेंगे. संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए श्री घोष ने बताया कि उनकी ओर से यह मामला निगम के पूर्व मेयर व […]
सिउड़ी जल परियोजना
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किये गये सिउड़ी के विधायक स्वपन कांति घोष सिउड़ी जल परियोजना पूरी न होने पर कलकत्ता हाइकोर्ट में बुधवार को जनहित याचिका दायर करेंगे.
संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए श्री घोष ने बताया कि उनकी ओर से यह मामला निगम के पूर्व मेयर व वकील विकास रंजन भट्टाचार्य लड़ेंगे. उन्होंने मामले को राजनीतिक विषय करार देते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर कहीं तृणमूल व भाजपा के साथ समझौता न हो जाये, इसलिए इसे अदालत में ले जाया जा रहा है.
उनका कहना था कि कोई बिल पास कराने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार इस संबंध में तृणमूल की मदद कर सकती है इसलिए ही उन्होंने मामला दायर करने का फैसला किया है.
क्या है मामला : जेएनएनयूआरएम की इस जल परियोजना के लिए केंद्र की ओर से 12.28 करोड़ रुपये भी दिये गये हैं. 2007 में शुरू हुई इस परियोजना को 2010 तक पूरा करना था, लेकिन अब तक यह नहीं हो सकी है. राज्य सरकार की ओर से केंद्र को महज सात करोड़ रुपये का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा दिया गया है.
श्री घोष ने इसके खिलाफ विधानसभा में पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया था. इसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि 25 अप्रैल को होनेवाले नगरपालिका चुनाव के मद्देनजर राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम की ओर से हैंडबिल सिउड़ी के लोगों में बांटा गया है, जिसमें लोगों से माफी मांगी गयी है कि वह उक्त परियोजना को प्रशासनिक विलंब के कारण पूरा नहीं किया जा सका.
इसमें वादा किया गया है कि तीन महीने के भीतर इसे पूरा कर लिया जायेगा. श्री घोष ने सवाल उठाया है कि तीन वर्षो में इसे पूरा नहीं किया जा सका तो तीन महीने में कैसे किया जायेगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिउड़ी नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन उज्जवल मुखर्जी ने 2002 में तृणमूल बोर्ड के तहत नगरपालिका की एक जमीन को अवैध तरीके से बेचा. डीएम की शिकायत पर जब मामला शुरू हुआ, तो राज्य सरकार के कानून विभाग ने न्यायाधीश को पत्र भेज कर मामले को वापस ले लिया.
लिहाजा अदालत ने मामले को खारिज कर दिया. श्री घोष का कहना है कि राज्य सरकार भ्रष्ट लोगों का साथ दे रही है. यह तो केवल सिउड़ी नगरपालिका की बात है. समूचे बंगाल में ऐसा ही हो रहा है. अगले हफ्ते इस मामले में भी हाइकोर्ट में मामला दायर किया जायेगा.
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