कोलकाता. आलू किसानों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदमों पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने अनिंद्य सुंदर दास द्वारा दायर मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के प्रति टिप्पणी की कि सरकार के कदमों से केवल ट्रांसपोर्ट तथा व्यापारियों को फायदा हुआ है. किसानों के लिए कुछ नहीं हुआ. सरकार को इस संबंध में एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने के लिए अदालत ने कहा है. इसमें किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को स्थान देने से अदालत ने मना किया है. इसमें आलू विशेषज्ञ किसानों को रखने के लिए कहा गया है. अदालत ने कहा कि हालात को सुधारने के लिए सहकारिता का सहयोग नहीं लिया जा रहा. सहकारिता का सहयोग इस संबंध में लिया जा सकता है या नहीं, इस बाबत राज्य सरकार अदालत को बताये. अतिरिक्त एडवोकेट जनरल लक्खी गुप्ता ने कहा कि राज्य में आलू की एक करोड़ मैट्रिक टन के करीब फसल हुई है. राज्य के कोल्ड स्टोरेज 90 फीसदी तक भर गये हैं. सरकार इस संबंध में विचार कर रही है. आवेदक के वकील ने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि 5.50 रुपये की दर से 50 हजार मैट्रिक टन आलू खरीदा जायेगा लेकिन अभी तक केवल छह हजार मैट्रिक टन आलू ही सरकार ने खरीदा है. इसके अलावा बाहर के व्यवसायियों को आलू खरीदने की व्यवस्था भी नहीं की गयी है. हाइकोर्ट ने कहा है कि यदि इस संबंध में उनके पास कोई सुझाव है तो वह उसे बताये. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
BREAKING NEWS
Advertisement
आलू किसानों की स्थिति पर राज्य सरकार के कदमों से नाखुश हाइकोर्ट
कोलकाता. आलू किसानों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदमों पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने अनिंद्य सुंदर दास द्वारा दायर मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के प्रति टिप्पणी की कि सरकार के कदमों से केवल ट्रांसपोर्ट […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement