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मजदूरों के कल्याण की योजना

कोलकाता: राज्य सरकार की ओर से गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने निर्माण क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए एक योजना शुरू की है. यह योजना मुख्यत: भवन के साथ-साथ अन्य निर्माण के क्षेत्र से जुड़े गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर लागू […]

कोलकाता: राज्य सरकार की ओर से गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने निर्माण क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए एक योजना शुरू की है. यह योजना मुख्यत: भवन के साथ-साथ अन्य निर्माण के क्षेत्र से जुड़े गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर लागू होती है. दि बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स ( रेग्युलेशन ऑफ इंप्लायमेंट एंड कंडिशन ऑफ सर्विस) एक्ट, 1996 तथा वेस्ट बंगाल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स रूल 2004 के तहत राज्य सरकार ने बिल्डिंग व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया है.

इस बोर्ड के माध्यम से बिल्डिंग व अन्य निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को सुविधाएं प्रदान किये जाने का प्रावधान है. सहायक श्रम आयुक्त को पंजीकरण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है तथा उप श्रम आयुक्त को एपीलेट ऑथिरिटी के रूप में नियुक्त किया गया है. 18 वर्ष से 60 वर्ष तक के निर्माण श्रमिक इस योजना के लाभ के हकदार होंगे, लेकिन उन्हें एक वर्ष में कम से कम 90 दिनों तक काम करना होगा.

क्या-क्या सुविधाएं
इस योजना में पंजीकृत श्रमिकों को दुर्घटना लाभ, चिकित्सा में खर्च का लाभ, टीवी के मरीजों को वित्तीय सहायता, मातृत्व लाभ, मृत्यु लाभ, पेंशन योजना, शिक्षा में खर्च के लिए वित्तीय मदद व अन्य सुविधाएं मिलती हैं. इस योजना के तहत शादी के लिए 10 हजार रुपये, मातृत्व के लिए 6000 रुपये, शिक्षा में मदद के लिए 30 हजार रुपये, सजर्री के लिए 60 हजार रुपये, स्वाभाविक मृत्यु होने पर 50 हजार व दुर्घटना में मृत्यु होने पर 1,50,000 रुपये की मदद का प्रावधान है. इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को प्रति वर्ष 30 रुपये का योगदान करना होता है. श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 31 मार्च 2013 तक 190292 परिवहन श्रमिकों को 485,465,687 रुपये का वितरण किया जा चुका है.

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