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केंद्र और राज्य सरकार पर बरसे माकपा के नेतागण, कहा सांप्रदायिकता के एजेंडे पर सरकार

कोलकाता: माकपा के राज्य सम्मेलन के ठीक पहले रविवार को हुई ब्रिगेड सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ को माकपा नेता बड़ी सफलता मान रहे हैं. सभा के दौरान माकपा के आला नेताओं ने केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों व कार्यो को लेकर जम कर कटाक्ष किया. सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के […]

कोलकाता: माकपा के राज्य सम्मेलन के ठीक पहले रविवार को हुई ब्रिगेड सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ को माकपा नेता बड़ी सफलता मान रहे हैं. सभा के दौरान माकपा के आला नेताओं ने केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों व कार्यो को लेकर जम कर कटाक्ष किया. सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्ववाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही देश में दक्षिणपंथी हमला शुरू कर दिया गया है.

हमले कॉरपोरेट और पूंजीपतियों के भी हैं. आरोप के मुताबिक आरएसएस भाजपा की मदद से सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले अपने सिद्धांतों को पूरे देश में लागू करना चाहती है. देश में सांप्रदायिकता के एजेंडे को लागू करने की कोशिश की जा रही है. विभिन्न मुद्दों को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. भारत ही ऐसा देश है, जहां हर धर्म व जाति के लोगों को समान अधिकार है. जबरन धर्मातरण की घटनाएं व सांप्रदायिकता देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है.

आम लोगों की नहीं कॉरपोरेट जगत को मिल रहा फायदा
प्रकाश करात ने कहा कि वर्तमान में श्रमिक, मजदूरों व आम लोगों के हितों की रक्षा नहीं हो रही है, बल्कि फायदा केवल बड़े उद्योगपतियों व कॉरपोरेट जगत को पहुंचाया जा रहा है. आरोप के मुताबिक केंद्र सरकार तरह-तरह के अध्यादेश को लागू कर सीधे तौर से कॉरपोरेट जगत को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाना चाहती है. कोयला क्षेत्रों का निजीकरण करना चाहती हैं. बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी का निवेश की योजना हितकर नहीं है. समय के साथ किसानों की स्थिति दयनीय होती जा रही है. उनके आत्महत्या किये जाने की घटनाएं नहीं थम रही हैं. महंगाई पर काबू करने की कोई पहल नहीं देखी जा रही है. आरोप के मुताबिक केंद्र सरकार श्रम कानून को खत्म करना चाहती है.
राज्य में महिलाएं नहीं सुरक्षित
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार पर निशाना साधते हुए माकपा के महासचिव ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार के लगभग चार वर्ष पूरे होने वाले हैं लेकिन महिलाओं पर होने वाले आपराधिक मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. राज्य की मुख्यमंत्री महिला हैं इसके बावजूद इन घटनाओं को रोकने की पहल नहीं की जा रही है. रविवार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और राज्य की उन तमाम महिलाओं का अभिनंदन है जिन्होंने बंगाल में महिलाओं पर होने वाले हमलों का मुकाबला व विरोध किया है. बात यदि माकपा व अन्य वामपंथी दलों की हो तो उन पर लगातार हमले हो रहे हैं. राज्य में विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश की जा रही है. तृणमूल की नीतियों की वजह से ही आरएसएस और भाजपा बंगाल में पैर पसारने में कामयाब हो रहे हैं. पूर्ववर्ती वाममोरचा के सत्ता में रहने के दौरान ऐसी स्थिति नहीं थी. मौजूदा समय संकट का है. इस संकट को दूर करने के लिए तमाम वामपंथी दलों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. उन्होंने लोगों से माकपा समेत अन्य वामपंथी दलों को मजबूत करने का आह्वान किया है.
गौरतलब है कि सभा की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री व माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य बुद्धदेव भट्टाचार्य ने किया जबकि संचालन माकपा के राज्य सचिव विमान बसु ने किया.
इस मौके पर मुख्य वक्ता के तौर पर पार्टी के महासचिव प्रकाश करात ने अपना वक्तव्य रखा जबकि सांसद सीताराम येचुरी, सूर्यकांत मिश्र, रेखा गोस्वामी व अन्य नेताओं ने भी सभा स्थल पर भारी तादाद में उमड़े पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

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