मालूम हो कि 17 फरवरी की सुबह धूपगुड़ी ब्लॉक के सोनाखाली जंगल के तीन नंबर कंपार्टमेंट से एक अज्ञात किशोर का शव बरामद हुआ था. यथा समय पर शव की शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण शव को धूपगुड़ी थाना में रखा गया था. लापता साला को ढूढ़ रहे जीजा ने थाने में आकर शव की शिनाख्त की थी. शव की शिनाख्त के बाद पता चला था कि शव दीपंकर राय का है. वह धूपगुड़ी के सेवड़ातला निवासी था.
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माध्यमिक परीक्षार्थी के हत्यारे गिरफ्तार, शराब के नशे में किया खून
जलपाईगुड़ी: एक माध्यमिक परीक्षार्थी की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया. उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को मृतक के परिवार की ओर से मनोरंजन सरकार, प्रसेनजीत वर्मन व परिमल वर्मन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थी. जांच में जुटी पुलिस मंगलवार देर रात को इन तीनों लड़कों […]
जलपाईगुड़ी: एक माध्यमिक परीक्षार्थी की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया. उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को मृतक के परिवार की ओर से मनोरंजन सरकार, प्रसेनजीत वर्मन व परिमल वर्मन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थी. जांच में जुटी पुलिस मंगलवार देर रात को इन तीनों लड़कों को पकड़ने में कामयाब रही.
इस बार माध्यमिक परीक्षा देने वाला था. मृतक के पिता रमेश राय ने पुलिस को बताया था कि उनका बेटा माध्यमिक परीक्षा के 11 दिन पहले अपने तीन दोस्तों के साथ साइकिल से घुमने गया था. रात को तीन दोस्त घर लौट आये, लेकिन उनका बेटा नहीं आया. दीपंकर के लापता होने के अगले दिन सुबह ही उसके तीनों दोस्त इलाके से भाग गया था. पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई थी. आज पुलिस हिरासत में तीनों ने अपना जुर्म कबुला. लड़कों ने बताया कि तीनों को घुमने जाना था और उन्हें पैसों की जरूरत थी. इसलिए तीनों ने दीपंकर को लूटने का प्लान बनाया और उसकी साइकिल व मोबाइल बेच कर रुपये जुगाड़ करने का निर्णय लिया.
लड़कों ने बताया कि वे दीपंकर का साइकिल व मोबाइल लेकर उसे छोड़ देता, लेकिन उसदिन सोनाखाली जंगल में जाकर चारो दोस्त मिल कर अतिरिक्त मात्र में शराब पी ली थी. नशे में तीनों ने मिल कर दीपंकर की साइकिल व मोबाइल छीनने की कोशिश की, लेकिन दीपंकर साइकिल व मोबाइल नहीं दे रहा था. उस दौरान परिमल ने कमर का बेल्ट खोल कर दीपंकर के गले में लगा कर बलपूर्वक बेल्ट पकड़ कर खींचा. जिससे दीपंकर की सांसें रूक गयी और उसकी मौत हो गयी. आनन-फानन में उनलोगों ने दीपंकर का साइकिल व मोबाइल ले लिया और वहां से भाग गये. पहले तीनों ही अपने-अपने घर गये थे, लेकिन बाद में गिरफ्तारी की डर से घर से भाग गये. उनलोगों ने दीपंकर की साइकिल 1500 रुपये में व मोबाइल एक हजार रुपये में बेच दिया और तीनों के साइकिल भी 1500, 1500 व 700 रुपये में बेच कर घुमने जाने के लिए पैसे जमा किये. पहले तीनों धूपगुड़ी से सिलीगुड़ी गये. वहां से ट्रेन से कोलकाता व बाद में वाराणसी गये. कुछ दिन घुमने के बाद फिर से सिलीगुड़ी व वहां से फालाकाटा व उसके बाद कूचबिहार गये थे. इधर चारो ओर पुलिस उन्हें ढूंढ़ते देख वे लोग घर लौटने को बाध्य हो गये. घर लौटते ही ये तीनों पुलिस के जाल में फंस गये.
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