कोलकाता: चिट फंड कंपनी सारधा समूह मामले व राज्य में चिट फंड कंपनियों के बढ़ते प्रभाव, कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति व अन्य मुद्दों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस द्वारा महानगर में शनिवार को विरोध निकाली गयी.
रैली में सारधा मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा भी फूटा. इसमें चिट फंड मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की गयी. प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार की गैर जिम्मेदारी की वजह से ही सारधा कंपनी राज्य में पैर पसारने में सफल रही और लाखों लोग इसकी धोखाधड़ी के शिकार हुए.
कांग्रेस की विरोध रैली महानगर के वेलिंग्टन से श्यामबाजार पांच माथा मोड़ तक निकाली गयी. रैली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य, केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री दीपा दासमुंशी, अमिताभ चक्रवर्ती, देवव्रत बसु, कृष्णा देवनाथ, प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सौमिक हुसैन, उत्तर कोलकाता युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद कोरी, आला नेता कयूम सिद्दिकी, पूर्णो घोष समेत अन्य आला नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.
जानकारी के मुताबिक सारधा कांड के विरोध में महानगर के कई इलाकों से रैली निकाली गयी, जो प्रदेश कांग्रेस की मुख्य रैली में शामिल हो गयी. बड़ाबाजार जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से एमजी रोड में रैली निकाली गयी. इसका नेतृत्व आला नेता व पार्षद संतोष पाठक कर रहे थे. इधर, उत्तर कोलकाता व दक्षिण कोलकाता जिला कमेटियों की ओर से भी रैली निकाली गयी. बड़ाबाजार में ममता बनर्जी का पुतला लेकर प्रदर्शन हुआ.
रैली के दौरान श्रीमती दासमुंशी ने कहा कि सारधा मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उन्हें पहली बार 15 अप्रैल को इस घटना की जानकारी मिली. वह पहले से इससे अवगत नहीं थीं. यदि ऐसा है, तो इसमें तृणमूल सरकार की लापरवाही ही सामने आती है. यानी चिट फंड कंपनियों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार धोखाधड़ी का इंतजार कर रही थी. श्रीमती दासमुंशी ने कहा कि सारधा मामले से तृणमूल सरकार बच नहीं सकती. इस घटना का दायित्व लेते हुए सुश्री बनर्जी को जल्द से जल्द इस्तीफा देना चाहिए.