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हिंदीभाषी महापुरुषों के तैल चित्र लगायें

-मिथिला विकास परिषद के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से की मांग कोलकाता. पश्चिम बंगाल को सजाने में हिंदी भाषियों की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. कविपति विद्यापति की रचना आज भी बंगाल के गांवों में लोगों के कंठ में जीवित है. हिंदी मैथिली और बंगला के जाने-माने यायावर कवि दिवंगत वैद्यनाथ मिश्रा […]

-मिथिला विकास परिषद के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से की मांग कोलकाता. पश्चिम बंगाल को सजाने में हिंदी भाषियों की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. कविपति विद्यापति की रचना आज भी बंगाल के गांवों में लोगों के कंठ में जीवित है. हिंदी मैथिली और बंगला के जाने-माने यायावर कवि दिवंगत वैद्यनाथ मिश्रा ‘यात्री-नागार्जुन’ ने लंबी अवधि तक कोलकाता में रह कर ही नहीं, पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक चेतना को जीवंत रखने में काफी काम करते हुए हिंदी साहित्य को एक बेहतरीन आयाम दिया है. भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर ने लोक नाट्य के इतिहास को ज्वलंत बनाया और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद कोलकाता प्रेसिडेंसी कॉलेज के छात्र रहे हैं. मिथिला विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक झा ने इन तमाम महापुरुषों का पश्चिम बंगाल के विधानसभा में तैल चित्र लगाये जाने की मांग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से की है. अशोक झा ने विश्वास जताया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार कर हिंदी भाषियों की भावनाओं का आदर करेंगी.

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