उल्लेखनीय है कि इससे पहले सिन्हा ने कहा था कि जिनसे-जिनसे पूछताछ की जरूरत होगी, उन सभी को बुलाया जायेगा. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार सीबीआइ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश किये जाने के समय तृणमूल कांग्रेस के विरोधी तेवर की जानकारी भी दी जायेगी. परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के समय व अदालत में पेश किये जाने के समय तृणमूल कांग्रेस की ओर से किये गये विरोध प्रदर्शन की भी जानकारी दी जायेगी. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से तृणमूल समर्थकों ने प्रदर्शन किया था, उससे सीबीआइ के अधिकारी भयभीत थे.
वे आतंकित महसूस कर रहे थे. इस कारण सीबीआइ अदालत से अपील करेगी कि वह इस मामले को अन्य राज्य में स्थानांतरित करे. रिपोर्ट में सीबीआइ पुलिस की असहयोगपूर्ण भूमिका का भी जिक्र करेगी तथा सीबीआइ अधिकारियों की सुरक्षा की मांग की जायेगी.
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, जांच में उन्हें पता चला कि गार्डेनरीच के सकरुलर रोड में बापी करीम का एक स्कूल है. उस स्कूल की देखरेख की जिम्मेदारी बापी करीम की पत्नी पर है. अधिकारियों का कहना है कि सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन की अनुमति के बाद सारधा के बैंक अकाउंट से बापी करीम के इस स्कूल में भारी रकम ट्रांसफर की गयी थी. जिसे कुछ दिन के अंदर निकाल भी लिया गया. इस रुपये को किसने निकाला. यह रुपये किस कारण स्कूल के फंड में आया, और इसे किसे दिया गया इस बारे में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया गया था. इसके अलावा सारधा मामले की जांच में सीबीआइ को सारधा के कई कर्मियों ने मदन मित्रा के सारधा दफ्तर में आने की जानकारी दी थी.
मदन मित्रा के निजी सहायक बापी करीम ने भी इसके पहले सारधा के मिडलैंड पार्क के दफ्तर में मदन मित्रा के आने की जानकारी दी थी. बापी के स्कूल के अलावा मदन मित्रा के मिडलैंड पार्क में आने के संबंध में बापी करीम से बुधवार को फिर पूछताछ की गयी. बताया जा रहा है कि कोर्ट में मंत्री लगातार सारधा मामले में खुद को निदरेष बताने की कोशिश कर रहे हैं. इसके कारण सीबीआइ उनके इस मामले में जुड़े होने से संबंधित पुख्ता सबूत की फिर से तलाश में जुट गयी है, जिससे मंत्री के दावे को सबूत के साथ खारिज किया जा सके.