फोटो है कोलकाता. कई जन्मों का पुण्य उदय होता है तब प्रभु की भक्ति और उनकी कथा के श्रवण का मौका मिलता है. सारे साधन होने के बावजूद प्रभु के सुमिरन का मौका तो तभी मिलता है, जब स्वयं प्रभु कृपा करते हैं. कथा प्रवचन में जाना, प्रभु के संदेश को जानना, आत्मसात करना, प्रभु कीकृपा के बिना संभव ही नहीं. इसीलिए कहते हैं भाग्य से ही मिलती है भगवत की भक्ति . ये बातें शुक्रवार को व्रिप फाउंडेशन जोन-7 चैप्टर दक्षिण हावड़ा के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद््भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा के महत्व और श्रवण का लाभ बताते हुए विदुषी सुश्री पूजा जोशी ने कहीं. सुश्री पूजा जोशी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीना सीखाती है. यह पावन कथा जीवन के मूल अर्थ को अपने अंदर समेटे हुए है. हम यूं भी कह सकते हैं कि यह कथा प्रभु की दिव्य वाणी है और भक्तों के लिए एक अनमोल संदेश भी, जिसे अपने जीवन में आत्मसात करने के बाद इनसान अपने जीवन में एक अलौकिक सुख का अनुभव कर सकता है. आज दूसरे दिन के कथा आयोजन में समाजसेवी सुशील ओझा, बनवारी लाल सोती, पार्षद विजय ओझा, मदनलाल जोशी, सज्जन शर्मा, दिलीप सिखवाल, इंदु सिखवाल सहित अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित थे. आयोजन में काफी संख्या में भागवत प्रेमियों ने उपस्थिति दर्ज करायी. सचिव प्रदीप आसोपा ने यह जानकारी दी.
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भाग्य से मिलती भगवत की भक्ति: सुश्री पूजा जोशी
फोटो है कोलकाता. कई जन्मों का पुण्य उदय होता है तब प्रभु की भक्ति और उनकी कथा के श्रवण का मौका मिलता है. सारे साधन होने के बावजूद प्रभु के सुमिरन का मौका तो तभी मिलता है, जब स्वयं प्रभु कृपा करते हैं. कथा प्रवचन में जाना, प्रभु के संदेश को जानना, आत्मसात करना, प्रभु […]
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