सूरत. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा गुरुवार को पहली बार गुजरात यात्रा पर आये और उन्होंने कहा कि वह भारतीयों को अपना गुरु मानते हैं. दलाई लामा ने सूरत शहर के हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे मस्तिष्क में नालंदा के विचार हैं. वह एक प्राचीन भारतीय संस्थान था. लिहाजा मैं आप भारतीयों को अपना गुरु मानता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘हम आपके चेले हैं. एक सामान्य चेला होने के नाते मैं अपने गुरु को अपनी शुभकामना और बधाई देना चाहता हूं.’ दलाई लामा अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को सूरत शहर पहुंचे. उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए संतोकबा पुरस्कार दिया जायेगा. इस पुरस्कार के आयोजक श्रीरामकृष्ण फाउंडेशन की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि संतोकबा पुरस्कार के तहत सोने की परत और हीरा जडि़त स्मृति चिन्ह एवं 25 लाख रुपये दिये जायेंगे. सूरत के व्यापारी गोविंद ढोलकिया ने अपनी मां की याद में यह पुरस्कार शुरू किया था. दलाई लागा का वीर नर्मद दक्षिणी गुजरात विश्वविद्यालय के छात्रों और तिब्बती लोगांे के साथ बातचीत का भी कार्यक्रम तय है.
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दलाई लामा ने भारतीयों को बताया अपना गुरु
सूरत. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा गुरुवार को पहली बार गुजरात यात्रा पर आये और उन्होंने कहा कि वह भारतीयों को अपना गुरु मानते हैं. दलाई लामा ने सूरत शहर के हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे मस्तिष्क में नालंदा के विचार हैं. वह एक प्राचीन भारतीय संस्थान […]
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