फोटो है कोलकाता. जब पृथ्वी पर पाप बढ़ जाता है, तब भगवान का अवतरण होता है. आज से लगभग सवा छह सौ वर्ष पहले राजस्थान में छुआछूत, जाति-विद्वेष आदि जब चरम पर जा पहुंचा था, तब बाबा रामदेव(रामसापीर) का अवतरण हुआ. श्री रामदेव सेवा ट्रस्ट (मालापाड़ा) की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बाबा श्री रामदेव अमृत कथा ज्ञानामृत यज्ञ के तीसरे दिन बाबा रामदेव कथा मर्मज्ञ श्री लक्ष्मीकांत व्यास(मुन्ना) ने कहा कि सामाजिक एकता के लिए आपसी विद्वेष को समाप्त करना होगा. सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना, एकता व आज्ञापालन जरूरी है, लेकिन आज के जमाने में अधिकतर लोग आज्ञाकारी नहीं होते जिसके कारण समाज तथा परिवार में विद्वेष फैल रहा है. बाबा रामदेव ने विशेष कर राजस्थान में सभी धर्म के अनुयायियों को एकजुट किया. व्यासजी ने आज पीरों को पर्चा, सारथिया को जीवनदान, मिश्री का नमक, जांभोजी को पर्चा आदि बाबा के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन किया. संस्था के अध्यक्ष विजय दम्मानी ने व्यासजी का माल्यार्पण कर स्वागत किया. जुगल किशोर मूंधड़ा, ऐश्वर्या झुनझुनवाला, गिरधरदास मल्ल, नीरज मूंधड़ा, सुशील मूंधड़ा, घनश्याम दास राठी, अनुराग भट्टर, अश्विन चांडक, रामगोपाल तापडि़या, विजय कंदोई, राजेंद्र चांडक, दाऊलाल बागड़ी, सुनील बागड़ी, संजीव मूंधड़ा आदि आयोजन की सफलता के लिए सक्रिय थे.
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सामाजिक विद्वेष मिटाने के लिए अवतरित हुए बाबा रामदेव: व्यासजी
फोटो है कोलकाता. जब पृथ्वी पर पाप बढ़ जाता है, तब भगवान का अवतरण होता है. आज से लगभग सवा छह सौ वर्ष पहले राजस्थान में छुआछूत, जाति-विद्वेष आदि जब चरम पर जा पहुंचा था, तब बाबा रामदेव(रामसापीर) का अवतरण हुआ. श्री रामदेव सेवा ट्रस्ट (मालापाड़ा) की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बाबा श्री रामदेव […]
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